बिलासपुर-पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर एक नवंबर को बाईक रैली निकाली जाएगी।राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में प्रदेश भर के जिला मुख्यालयो में बाईक रैली निकालकर जिला कलेक्टर के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री महोदय भारत सरकार, महामहिम राज्यपाल महोदय छत्तीसगढ़, माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन,माननीय मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। छत्तीसगढ़ में एक नवम्बर को ही राज्योत्सव है तथा एक नवम्बर को ही छत्तीसगढ़ में काला कानून एन पी एस लागू किया गया था।
सभी एन पी एस कार्मिक साथी नेहरू चौक बिलासपुर के पास एकत्रित होकर पहले छत्तीसगढ़ राजगीत”अरपा पैरी के धार” का सामुहिक गायन पश्चात पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर बाईक रैली प्रारम्भ किया जाएगा।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के जिला संयोजक दिनेश राजपूत ने सभी एनपीएस कार्मिको से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर पुरानी पेंशन की मांग में अपनी सहभागिता देकर कार्यक्रम को सफल बनाने का अपील किया है।
2004 में लागू नई पेंशन स्कीम न केवल अन्यायपूर्ण है, अपितु कर्मचारियों को वृद्धावस्था के दौरान सामाजिक सुरक्षा के कानूनी अधिकार से भी वंचित करती है। इससे एकमात्र फायदा बीमा और शेयर बाजार को हुआ है। कर्मचारियों की कमाई मार्केट रिस्क के अधीन हो जाती है, क्योंकि सारी राशि शेयर मार्केट में लगी रहती है। जो कर्मचारी असमय मौत के मुंह में समा गए, उनके परिवार ने नई पेंशन योजना के कारण कठोर आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
यदि सरकारों को लोक कल्याणकारी नीति का अनुसरण करना है, तो तत्काल पुरानी पेंशन योजना लागू करनी चाहिए सरकारी कर्मचारी 60 या 62 साल में सेवानिवृत्त होता है। वह अपने जीवन के सम्पूर्ण सुनहरे पल सरकारी विभाग के लक्ष्य को प्राप्त करने में लगा देता है। सेवानिवृत्ति के बाद वह शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है। बेटे, बहू, नाती ,पोते उसके साथ जुड़ जाते है। इस तरह उसकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद पुरानी पेंशन योजना के अनुसार पेंशन के रूप में अच्छी राशि मिलती थी। इससे उनके परिवार का भरण-पोषण आसानी से चलता रहता था। सेवानिवृत्ति के बाद वृद्धावस्था में कर्मचारी सम्मानजनक तरीके से जीवन यापन करता रहे, इसलिए पेंशन दी जाती है।
दोहरा रवैया
सरकारी कर्मचारी अधिकतम वर्षों तक सेवाएं देता है, लेकिन उसे सम्मानजनक पेंशन नहीं मिलती। दूसरी तरफ एक बार सांसद या विधायक बनने पर ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। सरकार का यह दोहरा रवैया निंदनीय है। सभी सरकारी कर्मचारियों को पूर्वानुसार पेंशन मिलनी चाहिए।
बाईक रैली को सफल बनाने में विजय जाटवर ब्लाक संयोजक तखतपुर,अवनीश तिवारी, जीपी उपाध्याय, मनोज पवार, योगेश्वर सिंह ठाकुर, बलराम रजक,रामकुमार देवांगन, ओमप्रकाश देवांगन,अजय तिवारी, शैलेन्द्र उपाध्याय, प्रकाश शर्मा,मिलेउ राम यादव, नवीन शर्मा, राजेश तिवारी,नितेश विमल सोनाराजा, सन्निदेवल मंडावी, भानुप्रताप पटेल, मिर्जा वसीम बेग,विजय भलेरियन लकड़ा,रामभुवन यादव,कमलेश कौशिक, आशुतोष श्रीनेत, झाडूराम ध्रुव,धृकपाल पटेल,कमलाकांत शर्मा, जुगराम पटेल,नीलेश तिवारी,संजय राजपूत,सुभाष देवांगन, दिलहरण रजक,गौरव भट्ट, दिनेश रात्रे, चंद्रहास थवाईत आदि जुटे हुए हैं।