आबकारी मंत्री ने कहा..नहीं लिया जाता लखमा टैक्स…ओव्हर रेट का सवाल ही नहीं..मरीज मिलने पर बंद होगा दुकान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- आबकारी मंत्री अमरकंटक से रायपुर जाते समय बिलासपुर अल्प प्रवास पर पहुंचे। उन्होने बताया कि माता नर्मदा का दर्शन करने अमरकंटक गया था। जल्द ही मरवाही भी जाउंगा। प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल मरवाही में लगातार मेहनत कर रहे है। कांग्रेस की जीत होगी। आबकारी मंत्री ने सवाल जवाब के दौरान बताया कि प्रदेश में कही भी ओव्हर रेट बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

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            आबकारी मंत्री कवासी लखमा आज अमरंकट से रायपुर जाने के दौरान छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से बातचीत की। लखमा ने बताया कि मरवाही में फिलहाल कांग्रेस की बढ़त है। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी की ही जीत होगी। 

                    एक सीट के पीछे पूरी सरकार मरवाही में डही है। क्या अमित जोगी बहुत बडा खतरा है। सवाल के जवाब में लखमा ने कहा कि ऐसा नहीं है। नय़ा जिला बना है इसलिए वहां विकास कार्यो में तेजी के लिए काम किया जा रहा है। संगठन से लेकर मंत्री तक सभी लोग लगातार दौरा कर रहे है। आप का दौरा क्यों नहीं हो रहा है। क्या गुरू पुत्र के खिलाफ प्रचार नहीं करना चाहते। लखमा ने जवाब दिया कि यहां गुरू और शिष्य की बात नहीं है। पार्टी सबसे महत्वपूर्ण है। हम 20 सितम्बर के बाद प्रचार प्रसार के लिए मरवाही जाएंगे

नहीं लगता लखमा टैक्स

                              दण्तेवाडा में शराब की प्रत्येक बोतल पर 50 रूपए ओव्हर रेट लिया जा रहा है। विरोध करने पर दुकानदारों को दो टूक कहना है हम ओव्हर रेट नहीं बल्कि लखमा टैक्स लेते हैं। इसमें कितनी सच्चाई है। सवाल को टालते हुए लखमा ने कहा कि ऐसा कुछ नही है। लोगों ने मजाक किया होगा। कोई लखमा टैक्स नहीं लगता है। ओव्हर रेट बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान लखमा ने इंकार किया कि दन्तेवाड़ा में बर्खास्त किए गए शराब दुकान के सैल्समैन और सुपरवाइजरों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया था। लखमा ने इस बात से भी इंकार किया कि बर्खास्त सैल्समैन और सुपरवाइजरों के साथ उन्होने बैठक की है। लेकिन ओव्हर रेट को लेकर वर्खास्त किए गए सैल्समैन और सुपरवाइजरों को फिर से नौकरी पर रखे जाने के सवाल को लखमा ने टाल दिया। उन्होने यह भी कहा कि कोई लखमा टैक्स के नाम पर मजाक किया होगा। आबकारी मंत्री दोहराया कि लखमा टैक्स कुछ नहीं है। यदि किसी  ने ओव्हर रेट  लिया तो छोड़ा नहीं जाएगा।

                महामारी एक्ट और गाइडलाइन के अनुसार दुकान या विभाग में  कोविड मरीज पाए जाने पर तीन दिनों तक संस्थान को बन्द रखा जाएगा। कर्मचारियों को होमआइसोलेशन किया जाएगा। कमोबेश सभी विभागों ने गाइड लाइन का पालन किया है। कई थानों को कई बार बन्द रखना पड़ा है। शराब दुकान में कोविड मरीज पाए जाने के बाद भी एक दिन के लिए भी दुकान को बन्द नहीं किया गया। क्या शराब दुकान के लिए महामारी एक्ट अलग है। या फिर जिन्दगी से शराब  ज्यादा कीमती है।

                    सवाल के जवाब में लखमा ने कहा कि बन्द रखना नियम में है। लेकिन हमें इसकी जानकारी नहीं है कि शराब दुकान में कोई कोविड मरीज मिला है। यदि शराब दुकान में कोविड मरीज  मिलता है तो नियमानुसार शराब दुकान को बन्द रखा जाना जरूरी है। हम पता लगाएंगे  कि आखिर नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। सवाल को टालते हुए लखमा ने बताया कि शराब दुकान में भीड़ होती है। इसलिए कोविड मरीज मिलते है। लाकडाउन के दौरान दुकान को बन्द रखा गया था।                

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