पहली बार में ही JEE एडवांश में जिले के 71 बच्चे हुए क्वालीफाईड, जिसमें 64 बच्चे आदिवासी

Shri Mi
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JEE/Kanker/राज्य शासन द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। शासन द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम के विद्यालय खोले जा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी मदद दी जा रही है। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला के मार्गदर्शन में कांकेर जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

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बोर्ड परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ जेईई, एनडीए एवं नीट की परीक्षा के लिए भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है, जिसे अच्छे परिणाम आ रहें हैं। जेईई की परीक्षा में कांकेर जिले के विद्यार्थियों ने उल्लेखनीय उपलब्धि हांसिल की हैं। कक्षा 12वीं मे अध्ययनरत गणित विषय के विद्यार्थियों को जेईई एडवांश की परीक्षा में शामिल होने के लिए जिले में पहली बार कोचिंग दी गई और पहले ही प्रयास में 71 बच्चे क्वालीफाईड हुए है, जिसमें 64 बच्चे आदिवासी हैं। क्वालीफाईड बच्चों में से 39 बालक एवं 32 बालिकाएं हैं, जो जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि है

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने एवं मेधावी बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए हमर लक्ष्य अभियान चलाया गया तथा स्कूलों एवं विकासखण्ड स्तर पर विद्यार्थियों का मोटिवेशनल क्लास ली गई। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल, जिला शिक्षा अधिकारी भुवन जैन सहित विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं विषय विशेषज्ञ शिक्षको ने विद्यार्थियों का मोटिवेशनल किया।

जिले के प्रत्येक हायर सेकंडरी विद्यालयों में अध्ययनरत गणित विषय के छात्र-छात्राओं को विद्यालयों में जेईई एवं नीट की पुस्तकें उपलब्ध कराये गये तथा योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों के माध्यम से नियमित तैयारी कराई गई, जिसके परिणामस्वरूप जेईई द्वितीय सेशन परीक्षा में 71 बच्चे जेईई एडवांश परीक्षा हेतु क्वालीफाईड हुए है। जिला शिक्षा अधिकारी भुवन जैन के नेतृत्व में जेईई की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए दस दिवसीय विशेष आवासीय कोचिंग की व्यवस्था भी की गई थी, जिसमें बच्चों ने बढ चढकर भाग लिया, जो बच्चे किसी कारणवश कोचिंग में उपस्थित नहीं हो पाये ऐसे बच्चों को विषय विषेशज्ञों द्वारा आनलाईन लिंक के माध्यम से भी अध्यापन कराया गया।

जेईई परीक्षा हेतु जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाकर सभी बच्चों से उनकी तैयारी के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा सप्ताह में कम से कम एक बार मोबाईल के माध्यम से बच्चों से बात कर बोर्ड परीक्षा एवं जेईई की परीक्षा के तैयारी के संबंध में जानकारी ली गई तथा उन्हें मार्गदर्शन दिया गया।  जिले के शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के जेईई परीक्षा शुल्क के लिए जिला प्रशासन कांकेर द्वारा जमा कराया एवं उन्हें परीक्षा केन्द्रों तक ले जाने की व्यवस्था भी कराई गई। इस प्रकार जिला प्रशासन द्वारा इन बच्चों की मदद की गई एवं उन्हें मार्गदर्शन दिया जाता रहा, जिससे बच्चों में उत्साह बना रहा, जिसके परिणामस्वरूप जिले के 71 बच्चो जेईई एडवांश में क्वालीफाईड हुए है, जिसमें 64 बच्चे आदिवासी है। विद्यर्थियों की इस सफलता में शिक्षकों ने भी बड़ी भूमिका निभाई, उन्होंने अपना समय निकालकर पूरी लगन के साथ बच्चों को पढ़ाया, जिसका अच्छा परिणाम सामने आया है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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