नहीं लगी सरकारी नौकरी,अतिथि शिक्षिका ने कीटनाशक पीकर दी जान

Shri Mi
3 Min Read

अलीराजपुर। सरकारी नौकरी नहीं मिलने से परेशान अतिथि शिक्षिका ने कीटनाशक पीकर जान दे दी।  मामला आलीराजपूर जिले के ग्राम कवठु की है। मीडिया रिपोर्ट अनुसार अतिथि शिक्षिका केला बाई ने अपने घर और स्कूल के बीच में स्थित खेत में कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। मृतिका पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। शिक्षिका के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। परिजनों को कहना हा कि बेटी सरकारी नौकरी नहीं मिलने से परेशान रहती थी। साथ ही जिस स्कूल में पढ़ाती थी, वहां भी  पूरा वेतन नहीं नहीं मिल रहा था। इससे आर्थिक परेशानी का सामने भी करना पड़ रहा था। डिप्रेशन में आकर उसने ये घाटक कदम उठा लिया। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को पोष्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजवाया। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजनों ने बताया कि युवती केलाबाई पिता समरिया भयडिया अतिथि शिक्षक वर्ग- 3 के रूप में गांव के ही पटेल फलिया में प्राथमिक विद्यालय में सेवा दे रही थी। युवती पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। 

Join Our WhatsApp Group Join Now

अलीराजपुर कॉलेज से पढ़ाई पूरी की इसके बाद नौकरी की तलाश कर रही थी। इसी बीच गांव के प्राथमिक विद्यालय में अतिथि शिक्षक के रूप वर्ग 3 में चयन हो गया। नियमानुसार ₹5000 मानदेय मिलना चाहिए था। लेकिन कभी पूरा मानदेय नहीं मिला। कम मानदेय के कारण वह परेशान रहने लगी। वहीं परिजनों का कहना है कि वह सरकारी नौकरी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। नौकरी नहीं लगने के कारण वह परेशान रहती थी।

अतिथि शिक्षक की आत्महत्या के बाद संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के महेश भूरिया ने शासन को आड़े हाथों लिया है। आरोप लगाया कि शासन से अल्प कम मानदेय में काम मिल रहा है। इससे  परिवार के पालन पोषण नहीं हो पा रहा है। इससे अतिथि शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। शासन उनके भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है। महेश भूरिया ने कहा कि जिले में करीब 2100 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं लेकिन इनमें से किसी का भी समय पर मानदेय नहीं दिया जा रहा है।

वहीं संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर का वेतन दिसंबर में मिला है। वह भी पूरा नहीं है। दिसंबर और जनवरी का वेतन अब तक नहीं मिला है। इसी कारण अतिथि शिक्षक आर्थिक तंगी से परेशान होते हैं। पहले ही अल्प मानदेय दिया जाता है और वह भी पूरा नहीं इसी के कारण अतिथि शिक्षक डिप्रेशन में जाना स्वाभाविक है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close