CMHO डॉ. महाजन को हटाने के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई सशर्त रोक

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    बिलासपुर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन को बिलासपुर में उनके पद से हटाए जाने के आदेश के क्रियान्वयन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।ज्ञात हो कि डॉ. महाजन को 24 जून के आदेश से हटाकर रतनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव को प्रभार सौंपा गया था। इस आदेश में यह भी था कि डॉ. श्रीवास्तव के प्रभार ग्रहण करने पर ही महाजन सीएमएचओ के प्रभार से मुक्त होंगे।उक्त आदेश के विरुद्ध डॉक्टर महाजन ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी, संदीप सिंह और नरेंद्र मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई। मामले की सुनवाई जस्टिस आरसीएस सामन्त की कोर्ट में हुई। याचिका में बताया गया कि 27 मई 2019 को ईएनटी विशेषज्ञ डॉ प्रमोद महाजन को जिला चिकित्सालय बिलासपुर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया। उक्त स्थानांतरण आदेश में मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त था। इसके बाद 10 मार्च 2022 को डॉक्टर महाजन को वर्तमान कर्तव्यों के अलावा आगामी आदेश तक संभागीय संयुक्त संचालक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।

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    याचिका में कहा गया कि 27 मई 2019 को सीएमएचओ बिलासपुर के पद पर उनको पदस्थ करने के लिए समन्वय में मुख्यमंत्री से अनुमोदन प्राप्त किया गया था, जबकि 26 जून 2022 के आदेश में केवल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अवर सचिव ने जारी किया है। इसमें मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया है। उक्त आदेश में सिर्फ उल्लेख कर दिया गया है कि डॉक्टर महाजन सीएमएचओ के प्रभार से मुक्त होंगे लेकिन यह नहीं बताया गया है कि वे कहां स्थानांतरित किए गए हैं या कार्य करेंगे। याचिकाकर्ता की मूल पदस्थापना सीएमएचओ बिलासपुर पद पर है। 10 मार्च के आदेश से उनको संयुक्त संचालक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, इसलिए मूल पद पर नहीं रहने के चलते अतिरिक्त प्रभार का कोई औचित्य नहीं है।

    याचिका में यह भी कहा गया कि डॉक्टर महाजन वरिष्ठ ईएनटी स्पेशलिस्ट हैं दूसरी ओर डॉक्टर श्रीवास्तव जूनियर मेडिकल ऑफिसर। प्रभार पर वरिष्ठ अधिकारी को भी ही पदस्थ किया जाता है, जिसका उल्लेख सामान्य प्रशासन विभाग ने 7 फरवरी 2013 के पत्र में किया है। इसके बाद मुख्य सचिव ने 14 जुलाई 2014 को अपने पत्र में उल्लेख किया है कि 7 फरवरी 2013 के पत्र का पालन सुनिश्चित किया जाए।

    कोर्ट ने सुनवाई के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव, अवर सचिव, संचालक और डॉ. श्रीवास्तव को नोटिस जारी किया है। साथ ही याचिकाकर्ता डॉ. महाजन को अंतिम राहत देते हुए 24 जून 2022 के आदेश पर रोक लगाई है। आदेश में उल्लेख किया गया है कि हर रोक उपरोक्त आदेश का परिपालन नहीं होने पर लागू होगा।

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