बिलासपुर—-हाईकोर्ट ने पति से विधिवत तलाक नही लिए जाने पर दूसरे पति से भरण पोषण प्राप्त करने के लिए पेश याचिका को स्वीकार किया है।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि सूर्यवंशी जाति में छोड़ छुट्टी के लिए मौखिक तलाक प्रचलन में है। इस कारण से याची दूसरे पति से भरण पोषण राशि प्राप्त करने का हक रखती है। कोर्ट ने कुटुम्ब न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया है।
मामला कुछ इस प्रकार है याची तेरस बाई डोंगरे ने पहले पति को छोड़ कर दूसरे व्यक्ति से शादी की है। पारिवारिक विवाद बढ़ने पर उसने कुटुम्ब न्यायालय में पति से भरण पोषण राशि दिलाये जाने की मांग की। न्यायालय ने पहले पति से विधिवत तलाक नही लिए जाने के कारण आवेदन को खारिज कर दिया। निर्णय के खिलाफ महिला ने अधिवक्ता सुनील कुमार सोनी के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के सामने वस्तुस्थिति को रखा।
उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता के तर्क को मानते हुए कुटुम्ब न्यायालय के आदेश को निरस्त किया है। एकल पीठ जस्टिस सामंत ने याचिकाकर्ता को भरण पोषण की राशि पाने की हकदार बताया है ।
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