नितिन गडकरी ने बताया वैक्सीन की कमी से निपटने का तरीका, बोले- 15-20 दिन में खत्म हो सकती है किल्लत

Shri Mi
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नई दिल्ली-भारत में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है, मगर देश में वैक्सीन की कमी पड़ गई है. वैक्सीन की इस किल्लत के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है. मोदी सरकार के मंत्री ने कहा है कि वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए कुछ और कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी जानी चाहिए. नितिन गडकरी ने यह बयान तब आया है, जब वैक्सीन नहीं मिल पाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ऐसा सुझाव केंद्र सरकार को दिया था.

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विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि जब किसी सामान की सप्लाई कम होती है और डिमांड ज्यादा होती है तो ऐसे में दिक्कतें खड़ी होती हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सुझाव देते हुए कहा कि वैक्सीन कंपनी 1 की बजाय 10 को लाइसेंस दे और रॉयलटी ले. हर राज्य में पहले से 2-3 लैबोरेटरी है. उनके पास इंफ्रास्ट्रक्चर भी है. फॉर्मूला देकर इनका उनके साथ समन्वय करके संख्या बढ़ाएं. ये 15-20 दिन में हो सकता है.’

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि अभी रेमडिसिविर इंजेक्शन की बहुत ज्यादा डिमांड रही. महाराष्ट्र में भी इसकी किल्लत रही. उन्होंने कहा, ‘मैंने वर्धा में रेमडिसिविर इंजेक्शन के लिए प्रोडक्शन शुरू किया. आज यहां हर रोज 30 हजार इंजेक्शन बनाए जा रहे हैं. पूरे महाराष्ट्र के सभी जिलों में इसे इतना सर्कुलस कर दिया कि अब यहां कोई इंजेक्शन मांगता नहीं है. आज महाराष्ट्र में इंजेक्शन सरप्लस है.’ गडकरी ने कहा कि इस समय देश का स्वास्थ्य क्षेत्र गहरे संकट से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान हमें सकारात्मक रुख रखते हुये आत्मविश्वास को बनाए रखना चाहिये.

गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी वैक्सीन का फॉर्मूला अन्य दवा कंपनियों के साथ साझा करने का सुझाव दिया था. हाल ही में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा था कि केंद्र सरकार को टीका बनाने वाली दोनों कंपनियों का फॉर्मूला अन्य सक्षम दवा विनिर्माता कंपनियों को दे देना चाहिए, ताकि टीके का उत्पादन बढ़ाया जा सके. बता दें कि देश में फिलहाल कोरोना के टीके का उत्पादन दो कंपनियां कर रही हैं, जिनमें पहली भारत बायोटेक है, जो कोवैक्सिन टीका बना रही है और दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जो कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है. 

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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