रोज ढाई करोड़ की कमाई वाले जिले में दारू का टोंटा..,निराश लौट रहे मदिरा प्रेमी..बार में भी शराब का सूखा..कई ने गिराया शटर

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—प्रदेश समेत जिले के कमोबेश सभी दुकानो में पिछले कुछ दिनों से शराब का टोंटा है। रोज 2 करोड़ 70 लाख कमाई देने वाले बिलासपुर के सभी दुकानों में दारू की मारा मारी है। मतलब मांग के अनुसार शराब की आपूर्ति नहीं हो रही है। जिसके चलते शासन को रोजाना करोड़ों का राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बताया जा रहा है यदि यही स्थिति रही तो जिले के करीब 69 दुकानों में अस्थायी रूप से ताला भी लटक सकता है। जानकारी यह भी मिल रही है कि बाहर के जिलों से बिलासपुर के दुकानों को ड्राई से बचने के लिए आंशिक रूप से कुछ मात्रा में खेप भेजा गया है। लेकिन अपर्याप्त है। इस बीच अंग्रेजी शराब की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गयी है।

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जानकारी देते चलें कि पिछले कुछ दिनों से जिले में शराब की आपूर्ति मांग के अनुसार नहीं हो रही है। दो अप्रैल के बाद पर्याप्त मात्रा में प्लान्ट से शराब की आपूर्ति नहीं होने के कारण जिले के दुकानों में ड्राई की स्थिति बन गयी है। सूत्रों ने बताया कि यदि दो एक दिन के भीतर  प्लान्ट से शराब की आपूर्ति नहीं होती है जिले के 69 दुकानों में तालाबन्दी नौबत आ जाएगी। यद्यपि प्रशासन स्तर पर इस स्थिति से बचने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है कि मदिरा प्रेमियों को शराब की किल्लत का सामाना नहीं करना पड़े। 

सूत्रों के अनुसार लगातार छापामार कार्रवाई के चलते शराब आपूर्ति का चैन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। प्रक्रिया का पालन नहीं होने के कारण प्लान्ट से दुकानों तक शराब नहीं पहुंच रही है। जिसके चलते मदिरा प्रेमियों में गहरी नाराजगी और निराशा  है। जानकारी मिल रही है कि यदि समय रहते स्थिति को नहीं संभाला गया तो दुकानों में ताला लटकाने की नौबत आ जाएगी। ऐसा होने से शासन को करोड़ों रूपयों का नुकसान निश्चित है। 

क्या है आपूर्ति की प्रक्रिया

बताते चलें कि जिले में कोटा स्थित वेलकम डिस्लेरी और धूमा स्थित भाटिया के प्लान्ट से सीजीबीसी के आदेश पर सरकारी दुकानों को शराब की आपूर्ति होती है। इसके अलावा अंग्रेजी शराब की आपूर्ति बाहर से होती है। दुकान तक शराब पहुंचने के लिए कई प्रक्रियाओं का पालन करना होता है। इसके तहत सीजीबीसी के आदेश पर प्लान्ट से निर्धारित मात्रा में शराब खरीदने का आदेश होता है। आदेश के बाद शराब को बोटलिंग यानि बेवरेज कार्पोरेशन के गोदाम तक पहुंचता है। वेयरहाउस से   दुकानों तक मांग के अनुसार प्लेसमेन्ट कम्पनी शराब पहुंचाती है। यानि बोटलिंग प्लान्ट से दुकान तक शराब पहुंचाने की जिम्मेदारी प्लेसमेन्ट कम्पनी की होती है। रोज शाम को हिसाब किताब के बाद बिक्री राशि सीजीबीसी के खाते में डाला जाता है। इसके बाद मांग के अनुसार शराब की आपूर्ति दूसरे दिन रूपयों के भुगतान के साथ किया जाता है।

जिले में शराब के दो गोदाम

जानकारी देते चलें कि जिले में शराब भण्डारण के लिए दो गोदाम है। अंग्रेजी शराब का गोदाम यानि बॉटलिंग प्लान्ट सिरगिट्टी में है। जबकि गतौरी में देशी शराब बॉटलिंग प्लान्ट यानि गोदाम है।  यही से पूरे जिले के शराब दुकानों यानि 69 को शराब की आपूर्ति होती है। 

रोजाना 50 हजार लीटर देशी विदेशी शराब की खपत

प्रमाणित दस्तावेज के अनुसार बिलासपुर जिले में रोजाना औसतन हजारों लीटर शराब की खपत होती है। जिले में प्रत्येक दिन देशी प्लेन और मसाला मिलाकर करीब 28,450 लीटर शराब की खपत है। जबकि अंग्रेजी शराब की खपत रोजाना 13,192 लीटर से अधिक है। इसी तरह बार समेत सरकारी दुकानों से हर दिन जनता करीब 8,204 लीटर बीयर पीती है। इस तरह जिले की जनता करीब 50 हजार लीटर से अधिक शराब रोजाना खरीदती है।

शराब से जिले को मिवने वावा राजस्व और दुकानें

जानकारी देते चलें कि जीपीएम जिला बनने के बाद बिलासपुर जिले में कुल  69 दुकान है। इनमें 29 दुकानें अंग्रेजी की है। देशी मदिरा दुकानों की संख्या 25 और 15 शराब दुकानें संयुक्त  है। संयुक्त दुकानों से मतलब ऐसी दुकान जहां देशी और विदेशी दोनों प्रकार के शराब की बिक्री होती है।

               बिलासपुर में इन सभी दुकानों से रोजाना पचास हजार लीटर शराब की बिक्री होती है। प्रतिदिन बिलासपुर आबकारी विभाग को देशी प्लेन और मसाला मदिरा से 1,29,62,539 रूपया मिलता है। अंग्रेजी शराब बिक्री से जिला आबकारी विभाग को 1,12,.28,870 रूपयों का मुनाफा होता है। जबकि बीयर से शासन को हर दिन 27,09.272 रूपया हासिल होता है। 

सूत्रों की मानें तो अकेले बिलासपुर से राज्य शासन को हर दिन 2 करोड़ 69 लाख, 6 हजार 70 रूपयों से अधिक राजस्व मिलता है। बहरहाल छापामार कार्रवाई के बाद बाटलिंग प्लान्ट से शराब की आपूर्ति पूरी तरह से ठप है। जिसके चलते दुकानदार और बार संचालकों की स्थिति खराब है।  

दुकानों को आंशिक राहत..फिर भी हालल खराब

सूत्रों की मानें तो पिछले चार पांच दिनों से बाटलिंक प्लांट से स्टोरेज खत्म होनी की जानकारी के बाद विभाग में हलचल मच गयी। आठ अप्रैल को हाथ पैर मारने के बाद कुछ मात्रा में देशी मदिरा को दुकानों तक पहुंचाया गया। लेकिन यह भी शराब प्रेमियों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित होना बताया जा रहा है। जानकारी मिल रही है कि अभी तक ना तो वेलकम से और ना ही धूमा डिस्लेरी प्लान्ट से शराब नहीं पहुंच रही है। यदि यही स्थिति रही तो हालत बदतर हो सकती है। लेकिन अभी भी अंग्रेजी शराब की आपूर्ति नहीं हो रही है। 

जिले में 18 बार सभी की हालत खस्ता

जानकारी देते चलें कि जिले में एफएल 3, एफएल3 (क) और एफएल 4 समेत कुल 18 बार संचालित है। सभी  बारों से रोजाना 2 लाख रूपयों से अधिक का राजस्व शासन को मिलता है।  बारों का भी स्टाक खत्म हो चुका है। आबकारी विभाग ने मांंग की पूर्ति करने में हाथ भी उठा दिया है। स्टाक नहीं होने के चलते ज्यादातर बार संचालकों ने शटर भी गिरा दिया है। बिलासपुर में  कानों से है।

बिलासपुर के सभी 18 बार का नाम

जिले में एफएल 3 लायसेंस यानि होटल बार की संख्या 13 है। इनमें प्रमुख नाम ईस्ट पार्क, एमरोल्ड, इन्टरसिटी इन्टरनेशनल, कोर्टयार्ड मेरियोट, हैवेन्स पार्क, सूर्या बार, गोल्डेन बार, शिवम् बार, आनन्दा इम्पीरियल, हॉटल आनन्दा, हॉटल नटराज, प्लेटिनम बार और ब्लैक बेरी प्रमुख है। इसमें से कुछ बार ने स्टाक खत्म होने पर शटर भी गिरा दिया है। 

 शहर में एफएल 3 (क) यानि शापिंग माल बार मात्र एक तंत्रा बार है। यहां भी स्टाक लगभग खत्म हो चुका है। एफएल 4(क) यानि व्यसायिक बार की संख्या शहर में  कुल चार है। इसमें प्रमुख नाम दी पैट्रिशियन, इमिगोज, आरडब्लू और इलूजन है। सभी में अंग्रेजी मदिरा का टोंटा होना बताया जा रहा है।

प्रदेश को राजस्व का भारी भरकम नुकसान…

 बताते चलें कि राज्य शासन को सर्वाधिक राजस्व आबकारी विभाग से मिलता है। ईडी की छापामारी में आबकारी विभाग सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। यह जानते हुए भी कि बिलासपुर जिला आबकारी को प्रत्येक दिन करीब ढाई करोड़ से अधिक नुकसान हो रहा है। ऐसी सूरत में प्रदेश के अन्य जिलों की भी बिक्री प्रभावित होगी..इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। यह जानते हुए भी कि रायपुर,दुर्ग और बिलासपुर जिलों में शराब का सर्वाधिक खपत है। कयास लगाया जा सकता है कि प्रदेश के सभी जिलों को मिलाकर राज्य शासन को प्रत्येक दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है। देखने वाली बात होगी कि यह स्थिति कब तक चलती है।

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