SC ने जेपी इंफ्रा के निदेशकों की संपत्ति की जानकारी मांगी

    supreme courtनईदिल्ली।जेपी इंफ्राटेक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के निदेशकों से निजी संपत्ति की जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह जानकारी सीलबंद लिफाफे में मुहैया कराने को कहा है।इसके अलावा कोर्ट ने इस मामले में एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया है और साथ ही ग्राहकों की शिकायतों को दर्ज कराने के लिए एक वेब पोर्टल बनाने के भी आदेश दिए हैं।साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के नॉन-इंस्टीट्यूश्नल डायरेक्टर्स को 22 नवंबर को अदालत में पेश होने के भी निर्देश दिए हैं। जेपी ने कोर्ट से कहा कि अभी वो सिर्फ 700 करोड़ रुपये ही जमा करा सकते हैं।

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                          तब जेपी ग्रुप ने अदालत में कंपनी पर कर्ज होने का हवाला देकर फिलहाल 400 करोड़ रूपये दिए जाने की पेशकश की थी, और 600 करोड़ रुपये अगले दो महीनों में जमा कराने की बात कही थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जेपी ग्रुप की यह मांग ठुकरा दी थी।

                            अदालत ने कंपनी को कम से कम 1 हज़ार करोड़ जमा कराने के आदेश दिए थे।दरअसल जेपी ग्रुप की सहयोगी कंपनी जेपी इंफ्रा के प्रोजेक्ट्स में घर खरीदने वाले करीब 400 ग्राहकों ने उपभोक्ता कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।

                         अपनी याचिका में खरीदारों ने उपभोक्ता कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट से संरक्षण दिए जाने की मांग की है।इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है । सुप्रीम कोर्ट पहले ही जेपी इंफ्रा की पैरेंट कंपनी जेपी एसोसिएट्स को 2000 करोड़ रुपये अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दे चुका है।

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