Mahashivratri: महाशिवरात्रि पर बन रहा दुर्लभ संयोग, इस दिन भूलकर भी नहींं करें ये गलतियां, भोलेनाथ हो सकते हैं रुष्ट

Mahashivratri 2023: वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी।

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Mahashivratri:महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन शिव कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन मां पार्वती और शिव जी का विवाह हुआ था। आपको बता दें कि इस दिन दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसलिए दिन शनि देव कुंभ राशि में गोचर कर रहे होंगे। शनि देव 30 साल बाद कुंभ राशि में आए हैं। इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी।

वहीं महाशिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। इसलिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। लेकिन क्या आपको पता है इस दिन भूलकर भी कुछ काम नहीं करने चाहिए। क्योंकि इन कामों को करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं। आइए जानते हैं किन कामोंं को करने से बचना चाहिए…

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2023 Shubh Muhurat)

प्रथम पहर पूजा समय:  18 फरवरी, शाम 06 बजकर 41 मिनट से रात 09 बजकर 47 मिनट तक

द्वितीय पहर पूजा समय : रात 09 बजकर 47 मिनट से रात 12 बजकर 53 मिनट तक

तृतीय पहर पूजा समय: 19 फरवरी, रात 12 बजकर 53 मिनट से 03 बजकर 58 मिनट तक

चतुर्थ पहर पूजा समय : 19 फरवरी, 03 बजकर 58 मिनट से सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक

इन गलतियों को करने से बचें

1- भोलेनाथ की पूजा में केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि  इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था। इसलिए इन फूलों को चढ़ाने से बचना चाहिए।

2-  इस दिन पूजा करते समय भगवान शिव को टूटे हुए अक्षत नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि टूटा हुआ चावल अपूर्णता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए टूटे हुए अक्षत चढ़ाने से बचना चाहिए।

3- भोलेनाथ को तीन पत्रों वाला बेलपत्र शिव को अर्पित करें। साथ ही ध्यान रखें कि टूटे हुआ बेलपत्र नहीं चढ़ाएं और बेलपत्र पर चंदन से राम लिखें। फिल चढ़ाएं।

4- महाशिवरात्रि पर जो लोग चार पहर की पूजा करते हैं, वो लोग पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करना चाहिए। ऐसा करने से यश और वैभव की प्राप्ति होती है।

5- इस दिन भगवान शिव को ऋतु फल अर्पित करें। लेकिन भोलेनाथ को बेर जरूर अर्पित करें, क्योंकि बेर को चिरकाल का प्रतीक माना जाता है।

6- इस दिन भगवान शिव की पूजा में रोली का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि भोलेनाथ की पूजा में रोली वर्जित मानी गई है। रोली की जगह चंदन का प्रयोग कर सकते हैं।

7- इस दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में काले कपड़े को पूजा में वर्जित बताया गया है। इसलिए आप लाल, सफेद और गुलाबी रंग के कपड़े पहन सकते हैं।

8- इन दिन भगवान शिव को चढ़ाएं प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता है. ऐसा करने से धन हानि और बीमारियां भी हो सकती हैं।


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