Makar Sankranti-नई दिल्ली। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है. वहीं, सूर्य जिस राशि में प्रवेश करते हैं उन्हें उसी संक्रांति के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व है। हिंदू शास्त्रों में इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व बताया गया है। कहते हैं कि इस दिन गंगा में स्नान करने और दान आदि करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। Makar Sankranti के दिन पूजा-पाठ, स्नान-दान के अलावा कुछ उपायों के बारे में भी बताया गया है। इन उपायों को करने से व्यक्ति का दुर्भाग्य दूर चला जाता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
Makar Sankranti: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जिन लोगों के कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में है या फिर नीच स्थिति में हो, तो वे Makar Sankranti के दिन सूर्य यंत्र की स्थापना करें। इससे कुंडली में दुष्प्रभावों कम होते हैं और विशेष लाभ होता है।
Makar Sankranti के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके साथ ही पूर्व दिशा की ओर मुख करके, कुश के आसन पर बैठ जाएं और इस मंत्र- ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् का जाप करें।
माना जाता है कि Makar Sankranti के दिन तांबे का सिक्का या फिर तांबे का चकौर टुकड़ा बहते हुए जल में प्रवाहित करने से व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और सूर्य दोष कम होता है।
मकर संक्रांति के दिन लाल रंग के कपड़े में गेंहू और गुड़ को बांधकर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान में दें. ऐसा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
माना जाता है कि इस दिन गुड़ और कच्चे चावल को बहते हुए जल में प्रवाहित करना शुभ होता है।सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पके हुए चावल को गुड़ और दूध में मिलाकर खाएं। इससे सूर्य देव प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करते हैं।
Makar Sankranti के दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी आदि का दान करने से लाभ होता है।