भाजपा के कई सांसद उम्मीदवारी को लेकर सशंकित

Shri Mi

भोपाल। लोकसभा चुनाव इसी साल होने वाले हैं और भारतीय जनता पार्टी मौजूदा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रही है। इसी बात ने मध्य प्रदेश के कई सांसदों की धड़कनें बढ़ा दी हैं और वे इस बात को लेकर सशंकित भी हैं कि क्या पार्टी उन्हें फिर मौका देगी या फिर कोई नया चेहरा सामने होगा।

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राज्य में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। इनमें से 28 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। जो सांसद हैं, उनमें से कई के कामकाज से पार्टी संतुष्ट नहीं है और जमीनी स्तर से अब तक जो फीडबैक आया है, वह संतोषजनक भी नहीं है।

राज्य की वर्तमान स्थिति पर गौर करें तो भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से 163 पर जीत हासिल की थी। सात सांसदों को भाजपा ने मैदान में उतारा था, जिनमें से पांच जीत गए हैं, लिहाजा उनके स्थान पर नए चेहरे का आना तय है।

वहीं, दो सांसदों को हार का सामना करना पड़ा था। सतना के सांसद गणेश सिंह और मंडला से सांसद फगन सिंह कुलस्ते को विधानसभा चुनाव लड़ाया गया और वे हार गए। इस वजह से उनकी उम्मीदवारी पर तलवार लटकी हुई है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि सात सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाया गया, वहीं, करीब पांच ऐसे सांसद हैं, जिनकी कार्यशैली से पार्टी संतुष्ट नहीं है और उनका जनता के बीच कामकाज भी ठीक नहीं रहा है। इसलिए राज्य में लगभग एक दर्जन स्थानों पर नए चेहरों को पार्टी मौका देने का मन बना रही है।

इसी बात से सांसद अपनी उम्मीदवारी को लेकर निश्चिंत नहीं हैं। पार्टी से जुड़े नेता का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सभी 29 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है और उसी की रणनीति पर काम किया जा रहा है।

छिंदवाड़ा संसदीय सीट पार्टी के लिए सबसे ऊपर है, जो कांग्रेस का गढ़ है और जहां से वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ सांसद हैं। इन स्थितियों में पार्टी को बड़ी संख्या में चेहरे बदलने होंगे। आमतौर पर वैसे भी पार्टी नए चेहरों को मौका दे रही है, इसलिए, संभावना इस बात की भी ज्यादा है कि इस बार के चुनाव में पिछले चुनाव की तुलना में नए चेहरे ज्यादा सामने होंगे।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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