ज़ोगी परिवार के बिना मरवाही का चुनावी समर अभी भी दिलचस्प

Chief Editor
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(रुद्र अवस्थी)अब यह तय हो गया  है कि मरवाही विधानसभा सीट के उपचुनाव में ज़ोगी परिवार का कोई उम्मीदवार नहीं होगा। चुनाव में परिवार के अमित  ज़ोगी और ऋचा ज़ोगी ने अपने नामांकन दाख़िल किए थे । लेकिन छानबीन के दौरान इस वज़ह से दोनों को पर्चे ख़ारिज़ कर दिए गए कि उनके पास अनुसूचित जन जाति के वैध प्रमाण पत्र नहीं हैं।वैसे इस चुनाव की चर्चा शुरू होने के साथ ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि जाति प्रमाण पत्र की वज़ह से इस बार ज़ोगी परिवार चुनाव मैदान से बाहर हो सकता है। हाल के दिनों के घटनाक्रम से भी इश बात की झलक मिल रही थी । जोगी कांग्रेस के दोनों प्रमुख़ दावेदारों के पर्चे ख़ारिज़ होने के बाद अब तस्वीर पूरी तरह से साफ़ हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से मरवाही सीट पर जोगी परिवार का ही कब्ज़ा रहा है । चुनाव मैदान से उऩके बाहर होने के बाद भी चुनाव दिलचस्प माना ज़ा रहा है। चूंकि अब यह देख़ना दिलचस्प होगा कि अब तक जोगी परिवार का साथ देने वालों का झुकाव इस चुनाव में किस ओर होगा।Click Here to join my WhatsApp News group

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चकरभाठा हवाई पट्टी को 3 सी लाइसेंस मिलने का रास्ता साफ़

बिलासपुर को नियमित हवाई सेवा से जोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे बिलासपुर के लोगों के लिए यह अच्छी खबर है कि चकरभाटा एयरपोर्ट को 3 सी लाइसेंस मिलने के लिए रास्ता साफ हो गया है । इसे लेकर एक बड़ी अड़चन भी दूर हो गई है । चकरभाटा हवाई पट्टी से लगी तिलसरा और रहंगी गांव की 78 एकड़ जमीन सेना को दी गई थी । यह जमीन जिला प्रशासन को वापस मिल गई है ।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अनुमोदन के बाद हाल ही में 78 एकड़ जमीन वापस बिलासपुर जिला प्रशासन को सौंपने का आदेश प्रशासन से जारी हुआ है । इसके बाद जिला कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने बाउंड्री वॉल का काम समय सीमा के अंदर पूरा करने की हिदायत इंजीनियरों को दी हैं ।  78 एकड़ की जमीन वापस मिलने से चकरभाटा हवाई पट्टी को  3 सी लाइसेंस का दावा आसानी से किया जा सकेगा  । साथ ही आने वाले समय में 4c श्रेणी में एयरपोर्ट को विकसित करने का भी रास्ता साफ हुआ है  । उम्मीद की जा रही है कि इससे आने वाले समय में बिलासपुर से नियमित हवाई सेवा शुरू करने में काफी मदद मिल सकेगी ।

कोरोना के दौर में भी हाईकोर्ट नें बनाया मामलों की सुनवाई का रिकॉर्ड

वैश्विक महामारी कोरोना को दौर में बिलासपुर हाईकोर्ट ने मामलों की सुनवाई का नया रिकॉर्ड बनाया है । हाईकोर्ट ने 6 महीने में 10,000 से अधिक मामलों का निराकरण कर मिसाल पेश की है  । कोविड-19 के दौर में कोर्ट ने सबसे अधिक मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की । पिछले मार्च से अक्टूबर के बीच हाईकोर्ट ने कुल 10,000 से अधिक मामलों का निराकरण किया है  । सुनवाई के दौरान 5 साल से अधिक पुराने 1094 मामलों का भी निराकरण किया गया । डबल बेंच में कुल 774 मामलों का निराकरण किया।  इसमें 5 साल पुराने 416 मामले भी शामिल हैं । हाई कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक 110 दिनों के अंदर महामारी के दौर में भी तकनीकी का इस्तेमाल कर हाईकोर्ट ने मामलों की सुनवाई का रिकॉर्ड बनाया है । जिससे आने वाले समय में मामलों के तेजी से निराकरण की उम्मीद भी बंधी है।

नशे को सौदागरों पर नक़ेल

कुछ दिनों पहले राजधानी रायपुर में नशे के सौदागरों के गिरफ्त में आने के बाद न्यायधानी  में भी इसका असर पड़ा है । हाल के दिनों में बिलासपुर पुलिस ने कई ऐसे मामलों का खुलासा किया है ,जिसमें बड़े-बड़े सरगना नशे का कारोबार करने में जुटे थे ।  पुलिस ने अंतर्राज्यीय गांजा तस्कर की गिरफ्तारी की और बड़ी तादाद में गांजा बरामद किया ।  इसी तरह प्रतिबंधित दवाओं के साथ शहर में कुछ लोग पकड़े गए । जिनके पास से प्रतिबंधित दवा के साथ ही नगद रकम भी बरामद की गई ।  पुलिस को सबसे बड़ी कामयाबी अंतर्राज्यीय अफीम गिरोह का भंडाफोड़ करने में मिली है  । जिनके पास से अफीम भी बरामद की गई और 5 लोग गिरफ्तार किए गए हैं  । इस छानबीन में यह बात भी सामने आई है कि किस तरह नौजवानों को नशे की गिरफ्त में लाने की कोशिश की जा रही है । इस मामले में यह पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी कही जा सकती है । लेकिन जानकार यह भी मानते हैं कि इस तरह की मुहिम केवल समय विशेष तक ही सीमित ना रहे  ।  बल्कि आने वाले समय में भी लगातार निगरानी कर नशे के सौदागरों पर रोकथाम लगाई जानी चाहिए । जिससे इस तरह के कारोबार पर पूरी तरह से अंकुश लग सके । अनुभव बताता है कि इस तरह के अभियान चलाकर कुछ दिनों तक निगरानी रखी जाती है और जैसे ही सावधानी हटी फिर से कारोबार शुरू हो जाता है।

कोरोना पाबंदियों पर छूट लेकिन ख़तरा टला नहीं

कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए पिछले कुछ समय से लगातार पाबंदियां की जा रही हैं । जिसका असर व्यापार कारोबार पर भी पड़ा है । लेकिन धीरे-धीरे हालात सामान्य करने की दिशा में भी कोशिशें की जा रही हैं । इस सिलसिले में दुकानों और रेस्टोरेंट्स पर से समय की पाबंदी हटाई गई है । जिला कलेक्टर ने इस सिलसिले में आदेश जारी किया है । आने वाले दिनों में त्योहारों को देखते हुए बाजार की रौनक कायम रखने के लिए पहल की गई है । लेकिन यह मान लेना भी नासमझी होगी कि अब कोरोना का भय खत्म हो चुका है । बल्कि जिस तरह मौसम में बदलाव और ठंड की शुरुआत के साथ ही कोरोना  के प्रकोप में बढ़ोतरी की आशंका जाहिर की जा रही  है , उसे देखते हुए पाबंदियां हटने के बावजूद सावधानी रखना जरूरी समझा जा रहा है।  शासन की ओर से भी इस तरह के संदेश दिए जा रहे हैं कि बहुत ज़रूरी होने पर ही  घर से बाहर निकलें ।  इस पर अमल करना जरूरी है और आम लोगों की जागरूकता के बिना इस पर काबू पाना कठिन होगा ।

कांग्रेसी ख़ेमों में फ़िर घुल गई कड़वाहट

बिलासपुर नगर निगम में एल्डरमैन की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस के बीच खेमेबाजी का झगड़ा सुर्खियों में रहा  । लेकिन कुछ दिनों की हलचल के बाद मामला शांत हो चुका था । एल्डरमैन के शपथ समारोह से एक बार फिर आपसी झगड़े को हवा मिल गई ।  निगम में नियुक्त नए एल्डरमैन के शपथ ग्रहण के लिए कार्यक्रम रखा गया था  । जिसमें शहर विधायक शैलेश पांडे समर्थक एल्डरमैन और उनके साथ वाले कांग्रेसी शामिल हुए । लेकिन जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी को छोड़कर कोई भी बड़ा चेहरा जलसे में शामिल नहीं हुआ ष यहां तक कि महापौर और सभापति के साथ ही एमआईसी के सदस्यों ने भी इस जलसे से अपनी दूरी बना ली थी  । जाहिर सी बात है कि कांग्रेसी नेताओं की इस बेरुखी से एल्डरमैन शपथ ग्रहण समारोह फीका रहा । एक बार फिर से सियासी हलकों में माना जा रहा है कि संगठन के अंदर जीत का जश्न मनाने के लिए ही शपथ ग्रहण समारोह जैसा आयोजन किया गया था । इससे किसी ख़ेमे को कितनी ख़ुशी मिल सकी यह कहना तो कठिन है। लेकिन कड़वाहट ज़रूर घुल गई ।

ख़ेल में बन सकती है बिलासपुर की पहचान

हॉकी और दूसरे खेलों के लिए अपनी अलग पहचान रखने वाले बिलासपुर शहर के लिए एक अच्छी खबर है कि यहां के राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र को स्टेट सेंटर आफ एक्सीलेंस का दर्जा मिल गया है । बहतराई स्टेडियम के इस सेंटर को एथलेटिक्स -कुश्ती और तैराकी के लिए एक्सीलेंट सेंटर का प्रस्ताव भारतीय खेल प्राधिकरण को भेजा गया था । जिसकी मंजूरी मिल गई है ।  अब यहां राज्य के नौजवानों की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें सही प्रशिक्षण का मऔक़ा मिल सकेगा । बहतराई में एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम का लोकार्पण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले साल जून में किया था । खेलो इंडिया स्टेट सेंटर आफ  एक्सीलेंस की मान्यता मिलने के बाद बिलासपुर को एक नई पहचान मिल सकेगी । इस शहर ने पहले भी कई खिलाड़ी दिए हैं । अब जिम्मेदारी जिनके हाथों में है ,वे पूरी ईमानदारी से काम करें तो साधन सुविधाओं की दिक्कतों का बहाना नहीं रहेगा और यह शहर आने वाले समय में देश को अच्छे-अच्छे खिलाड़ी दे सकेगा ।

नए साल में टूरिस्ट स्पॉट के तोहफ़े की तैयारी

आने वाले नए साल में बिलासपुर को एक नया टूरिस्ट स्पॉट मिल सकता है । शहर के बंधवापारा तालाब को पीपीपी मॉडल के जरिए इस तरह से संवारा जा रहा है कि यहां पर्यटन की सुविधाएं नए सिरे से विकसित हो सकेंगी ।  बंधवापारा तालाब में पानी के ऊपर रेस्टोरेंट होगा । गोवा जैसे समुद्री पर्यटन स्थल में की तरह यहां भी खुले वातावरण का आनंद लोग उठा सकेंगे । रेस्टोरेंट्स और अलग से फूड जोन भी बनाया जा रहा है । इसके साथ ही बुलेट टॉय ट्रेन, रेसिंग कार ,सभी तबके के लोगों के लिए प्ले जोन ,योगा ज़ोन,  नेट क्रिकेट पिच, म्यूजिकल फाउंटेन जैसी चीजें भी विकसित की जा रही हैं।  सुबह शाम वाकिंग करने वालों के लिए भी अलग से सुविधाएं दी जा रही हैं ।  नगर निगम अगर समय पर काम पूरा करा सका तो नए साल में यह शहर के लिए एक अच्छा तोहफा हो सकता है।।

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