Mata Vaishno Mandir/नवरात्रि शुरू होने के साथ ही जम्मू में माता वैष्णों देवी के दर्शन करने पर सरकार ने शर्ते लागू कर दी है. श्राद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के साथ ही भक्तों को सरकार और श्राइन बोर्ड द्वारा जारी नियमों का पालन करन अनिवार्य होगा. ऐसा न करने पर श्रद्धालुओं को वैष्णों माता की आरती में शामिल नहीं होने दिया जाएगा.
बोर्ड का यह आदेश 15 अक्टूबर 2023 को शारदीय नवरात्रि के पहले ही दिन से लागू कर दिया जाएगा. जगन्नाथ पुरी मंदिर के बाद वैष्णों माता मंदिर में यह आदेश जारी किया गया है.
दरअसल वैष्णों माता मंदिर में यह आदेश दर्शन करने पहुंच रहे श्राद्धालुओं की ड्रेस को लेकर है. सरकार और श्राइन बोर्ड ने मिलकर इस पर कुछ नियम बनाएं हैं, जिसमें अनिवार्य किया गया है कि अब माता की आरती और दर्शन करने के लिए श्राद्धालुओं को शालीन वस्त्र ही पहनने होंगे. इनके अलावा छोटे कपड़े, निक्कर, टीशर्ट या फिर कैप्री पहनकर दर्शन करने पर पूरी तरह से रोक रहेगी. इस तरह के कपड़े पहनकर माता के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्राद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्हें पहले ही रोक दिया जाएगा. Mata Vaishno Mandir
शालीन वस्त्रों को लेकर श्राइन बोर्ड ने सख्ती निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके साथ ही श्राइन बोर्ड ने जगह जगह होडिंग लगाकर इसकी जानकारी है. यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को पहनावे के लिए अनाउंसमेंट कर निर्देश भी दिए जा रहे हैं.Mata Vaishno Mandir
जागरुकता के लिए जगह-जगह बोर्ड भी लगाए गए हैं. यह नियम आज से लागू कर दिए गए हैं. प्रशासन ने साफ किया कि माता के दर्शन करने से लेकर आरती में बैठने के लिए श्रद्धालुओं को शालीन कपड़ों में होना बेहद जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर भक्तों को दर्शन करने से रोक दिया जाएगा. उन्हें आरती में शामिल होने की अनुमति भी नहीं मिलेगी.
माता वैष्णों देवी से पहले जगन्नाथ के दर्शन को लेकर भी ड्रेस कोड जारी किया गया है. जिसमें साफ किया गया है. 1 जनवरी 2024 के बाद महिलाओं को हाफ पैट, फटी जींस, स्कर्ट या फिर कैप्री और टीशर्ट पहनने पर दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी.Mata Vaishno Mandir
इसके लिए लोगों को पहले ही सूचित कर दिया गया है. एक कमेटी भी गठित की गई है, जो इस बात का ध्यान रखेगी. साथ ही महिलाओं को कपड़ों पर ध्यान रखेगी. उन्हें प्रतिबंधित कपड़ों को पहनकर भगवान के दर्शन करने से रोकेगी. हालांकि यह अभी तय नहीं हुआ है कि कैसे कपड़े पहनने होंगे. फिर भी मर्यादा और पवित्रता का ध्यान रखना होगा.