आपको बता दे कि राज्य सरकार के द्वारा हड़ताली स्वास्थ्य कर्मचारियों पर एस्मा लगाने से क्रोधित कर्मचारियों ने यह कदम उठाकर छत्तीसगढ़ के इतिहास में काला दिन लिख दिया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है चुंकि यह पहला मामला होगा कि किसी भी कर्मचारी संगठन ने इससे पहले इतना बड़ा कदम उठाया हो।
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांत अध्यक्ष कौशलेन्द्र तिवारी एवं जिला कार्यकारी अध्यक्ष बृजलाल पटेल ने बताया कि संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण नही करने एवं कर्मचारियों पर एस्मा कानून लगाये जाने पर महासंघ घोर निंदा करता है और इसे तत्काल निरस्त नहीं करने के कारण सामूहिक इस्तीफा का कदम उठाया गया
कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में यह वादा किया गया था, कि समस्त संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण एवं किसी भी संविदा कर्मचारी की छटनी नहीं की जाएगी यह वादा की थी किंतु इसके विपरीत कड़ा दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।
महासंघ के जिला प्रवक्ता तोपान सिंह दायमा एवं मनोज जायसवाल ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी से हमे फर्क नही पड़ता यह कर्मचारी जगत के लिए संवेदनहीनता की पराकाष्ठा वाला आदेश है हम समस्त कर्मचारी जगत से इसका विरोध में सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए अपील करते हैं,यह आंदोलन बिना लक्ष्य पूर्ति के समाप्त नहीं होने वाला है।