Navratri Ghat Sthapna: घट स्थापना करते समय न करें ये गलतियां

Shri Mi

Navratri Ghat Sthapna,Chaitra Navratri 2024।चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 9 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। नवरात्रि के पहले दिन माता की पूजा से पहले घट स्थापना की जाती है। कई भक्त अपने घर में कलश स्थापित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि कलश में देवी-देवताओं का वास होता है और उनके आशीर्वाद से भक्तों की पूजा सफल होती है।

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हालांकि कलश को स्थापित करने के कुछ नियम भी हैं जिनका पालन करना बहुत आवश्यक होता है। अगर आप नियमों का पालन नहीं करते तो घट स्थापित करने के बाद भी आपको अच्छे परिणाम नहीं मिलते। जानिए कि घट स्थापना के बाद आपको क्या गलतियां करने से बचना चाहिए।

घट को स्थापित करने की सही दिशा उत्तर-पूर्व यानि ईशान कोण है। इस दिशा में आपको घट स्थापित करना चाहिए। ऐसा घट न लाएं जो किसी भी प्रकार से खंडित हो।

कलश स्थापना में गंदे पानी का प्रयोग न करें। मिट्टी भी सही स्थान से लेकर आएं। एक बार जिस स्थान पर घट स्थापित कर दिया उसके बाद उसे हटाएं नहीं। ना ही 9 दिनों तक इसको हिलाएं। 

घर में अगर आपने घट स्थापित किया है और 9 दिनों तक व्रत रखने वाले हैं तो, गलती से भी दिन में न सोएं। दिन के समय सोने की बजाय आपको भजन कीर्तन करने चाहिए। 

घट स्थापना करने के बाद इन बातों का रखें ख्याल

अगर आपने घर में घट स्थापित कर लिया है तो उसके बाद घर को सूना छोड़कर नहीं जाना चाहिए। घट स्थापना करने के बाद घर का कोई-न-कोई सदस्य घर में होना चाहिए। 

नवरात्रि के नौ दिनों तक नियमित रूप से घट की पूजा करनी चाहिए। नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत करने वाले को स्वर्ण भी नहीं पहना चाहिए। 

घर में घट स्थापित है तो तामसिक भोजन करने और शारीरिक संबंध बनाने से आपको बचना चाहिए। नवरात्रि की पूजा में अगर आप इन बातों का ख्याल रखते हैं तो माता की कृपा आपको प्राप्त होती है। साथ ही आपकी मनोकामनाओं को मां पूरा करती हैं। 

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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