सांसद-विधायक के चुनाव में EVM, राष्ट्रपति चुनाव में बैलेट बॉक्स, आखिर ऐसा क्यों?

Shri Mi
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आज देश के 15वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोटिंग हो रही है. 21 जुलाई को इन वोटों की गिनती की जाएगी. 24 जुलाई को मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म हो रहा है.  25 जुलाई तक देश को 15वें राष्ट्रपति का नाम सामने आ जाएगा.  मगर क्या आप राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी एक खास बात जानते हैं? बात ये है कि सांसद और विधायक के चुनाव जहां EVM मशीनों से होने वाली वोटिंग के जरिए होते हैं, वहीं राष्ट्रपति चुनाव में EVM की बजाय बैलेट बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है. एक तरफ चुनाव प्रक्रिया में EVM मशीन को एक क्रांति के तौर पर देखा जाता है तो दूसरी तरफ राष्ट्रपति चुनाव में इस मशीन का इस्तेमाल ही नहीं किया जाता. आखिर ऐसा क्यों?

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कैसे काम करती है EVM
विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान EVM के जरिए मतदाता सीधे अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के आगे वाला बटन दबाकर उम्मीदवार का चयन करते हैं. जिसे सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं वो जीत जाता है. जबकि राष्ट्रपति का चुनाव अलग तरह से होता है.

क्यों नहीं होता राष्ट्रपति चुनाव में EVM का इस्तेमाल
देश की जनता राष्ट्रपति का चुनाव सीधे खुद नहीं करती बल्कि उसके वोट से चुने हुए प्रतिनिधि करते हैं. ये चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन (Indirect election) द्वारा होता है. इस प्रक्रिया में वोटिंग का अधिकार चुने हुए विधायक और सांसदों के पास होता है. इसमें सीधे किसी उम्मीदवार के नाम के आगे बटन नहीं दबाना होता है, बल्कि उम्मीदवारों की वरीयता के आधार पर वोट दिया जाता है. फिलहाल ईवीएम को इस प्रणाली के अनुसार तैयार नहीं किया गया है. यही वजह है कि ईवीएम मशीन के जरिए राष्ट्रपति का चुनाव नहीं होता है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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