अम्बिकापुर ।राष्ट्रीय ओबीसी महासभा प्रदेश इकाई छत्तीसगढ़ के आह्वान पर सरगुजा संभाग के संभागीय प्रवक्ता आनंद सिंह यादव के नेतृत्व में कलेक्टर सरगुजा के माध्यम से मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
जिसमें उल्लेख किया गया है कि विश्व के सबसे बडे़ लोकतांत्रिक भारत देश में आजादी के बाद से आज तक देश के विकास एवं आर्थिक रूप से अर्थव्यवस्था में ’’रीढ़ की हड्डी’’ की तरह अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले मतदाता अन्य पिछड़ा वर्ग की लगभग 55 प्रतिशत से अधिक आबादी निवासरत है।
जानकारी देते हुए जिला सचिव संजय यादव ने बताया कि साथ ही वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री एवं 27 केन्द्रीय मंत्री ओबीसी समुदाय से आते है।
समान परिस्थितियों के बावजूद ओबीसी हितों पर लगातार कुठारघात किया जा रहा है। मुख्य मांगें जिसमें लंबित राष्ट्रीय जनगणना 2021 की जनगणना फार्मेट में ओबीसी के लिए पृथक कोड नम्बर निर्धारित कर जणगणना शीघ्र की जाए तथा आकड़े प्रसारित किये जाने का अनुरोध किया है।
प्रेस नोट में बताया गया कि ओबीसी आरक्षण में लागू क्रीमीलेयर की असैंवधानिक शर्तों को समाप्त किये जाने का अनुरोध है क्योंकि क्रीमीलेयर की अवधारणा परिवार एवं समाज के लिए विघटनकारी बन गया है।
मण्डल कमीशन की समस्त अनुशंसाओं को पूर्णता लागू किये जाने का अनुरोध है, 27 प्रतिषत आरक्षण को देश के सभी राज्यों में समान रूप से लागू किया जाए तथा भारत सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को अध्यादेश पारित कर संविधान की नवमीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
जिला सचिव संजय यादव आगे बताया कि देश में निजीकरण पूर्ण रूप से बंद किया जाए एवं निजीकरण हो चुके संस्थाओं में आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए भर्ती किये जाने का अनुरोध है, घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की कीमत आसमान छू रही है।
इसकी कीमत आधी की जाए ताकि मध्यमवर्गीय परिवार की बिगड़ती घरेलू बजट ठीक हो सके, संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत पंचायत एवं नगरी निकाय चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान है।
चूंकि प्राथमिक संस्थाओं में ओबीसी आरक्षण का प्रावधान है, इसलिए विधानसभा एवं लोकसभा सीटों में भी ओबीसी आरक्षण लागू किये जाने का अनुरोध है, देश में ओबीसी के लिए लागू आरक्षण के बराबर बजट प्रावधानित किए जाने का अनुरोध है, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की भांति ओबीसी को भी एक्ट्रोसिटी एक्ट के दायरे में रखा जाए, ताकि ओबीसी के साथ सामाजिक न्याय हो सके, 02 दिसम्बर 2022 को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पारित आरक्षण विधेयक में महामहिम राज्यपाल छत्तीसगढ़ का हस्ताक्षर आज पर्यंत नहीं होने के कारण ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण से वंचित होना पड़ा है।
प्रेस नोट में कहा गया कि महामहिम राज्यपाल से निवेदन है कि उक्त आरक्षण विधेयक में या तो शीघ्र हस्ताक्षर करें या छत्तीसगढ़ सरकार को बिल वापस करें या महामहिम राष्ट्रपति महोदया को मार्गदर्शन के लिए अग्रेषित किया जाए।
ताकि ओबीसी को बहुप्रतीक्षित 27 प्रतिषत आरक्षण मिल सके। ज्ञापन सौंपते समय प्रदेष सचिव शुभाष चन्द्र साहू, संभागीय प्रवक्ता आनंद सिंह यादव, कार्यकारी जिलाध्यक्ष पंकज गुप्ता, जिला सचिव संजय यादव सहित अन्य उपस्थित थे।