मास्टर ट्रेनर्स की एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

Shri Mi
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जशपुर। शिक्षकों में शैक्षणिक गुणवत्ता विकास हेतु शिक्षक प्रशिक्षण आवश्यक है, प्रशिक्षण में शिक्षकों को विषयगत नई चीजे सिखने को मिलती है, जिसमें शिक्षण कार्य आसान हो जाता है एवं शिक्षक अपना श्रेष्ठ दे सकते है।

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उक्त बातें यशस्वी जशपुर कार्य योजना के तहत् जशपुर जिले के मास्टर ट्रेनर्स के एक दिवसीय कार्यशाला में यशस्वी जशपुर के नोडल अधिकारी प्राचार्य संकल्प शिक्षण संस्थान विनोद कुमार गुप्ता ने कही । उन्होंने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि उपचारात्मक शिक्षण के तहत् शिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित हो और प्रशिक्षण में मास्टर टेनर्स द्वारा कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं में अध्यापन कार्य संपादित करने वाले शिक्षकों की विषयगत कठिनाईयों एवं समस्याओं का समाधान कर बेहतर तरीके से अध्यापन कार्य करने का उपाय बताया जावे ।

इस प्रशिक्षण में शिक्षण कार्य बेहतर बनाने पर भी सभी शिक्षकों द्वारा चर्चा की जावे और यह तय किया जावे कि बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के हित शिक्षकों द्वारा रणनीति के तहत कार्य किया जावे । श्री गुप्ता ने कहा कि विद्यालय में बच्चों की 100 प्रतिशत् उपस्थिति का सही आकलन किया जाना चाहिए।

सभी विद्यालयों में 2 से 3 ऐसे शिक्षक को ढूंढना जो सक्रियता से विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता बढाने के लिए काम करने के इच्छुक हैं। शिक्षक को कक्षा में बच्चों का प्रतिदिन न्यूनतम 03 लर्निंग पॉइंट नोट कराकर मूल्यांकन करना चाहिए। विद्यालय में अंतिम कालखण्ड के बाद 20 मिनट का एक कालखण्ड बनाना चाहिए जिसमें कोई भी एक शिक्षक लर्निंग पॉइंट की जाँच करे।

कक्षा शिक्षक को प्रत्येक दिन के बेस्ट लर्निंग पॉइंट लिखने वाले स्टूडेंट के नाम का बोर्ड में प्रदर्शन करना चाहिए जिससे स्टूडेंट मोटिवेट होगा। प्रत्येक कक्षा शिक्षक को सभी विद्यार्थियों का नाम के साथ उसके शैक्षणिक स्तर अवश्य जानना चाहिए। शिक्षक को कक्षा में बैठक व्यवस्था बच्चों के A, B, C, D ग्रेड के अनुसार करनी चाहिए। विद्यालय में प्रत्येक दिन बच्चों को अनिवार्य रूप से गृहकार्य देना चाहिए और शिक्षक द्वारा ईमानदारी से जाँच करना चाहिए।

श्री गुप्ता ने कहा कि शिक्षक को बच्चों में ये विश्वास जगाना कि हम स्वयं विषयवस्तु को समझ सकते हैं,स्वयं से पढ़ सकते हैं,स्व अध्ययन कर सकते हैं। बच्चों को स्व अध्ययन करने के समय टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

भाषा को विकसित करने के लिए बच्चों को कुछ चुनिंदे टॉपिक देकर रचना कराना एवं कल्पनाशील बनाने से बेहतर परिणाम मिल सकते है। विद्यालय के शिक्षकों को गणित विषय में कक्षा 6वीं से 8 वीं तक के 30 टॉपिक को छाँटकर विद्यालय के प्रारंभिक 15 दिनों में पूर्ण करा देने से बच्चों का गणित का बेस मजबूत होगा। इस अवसर पर शिक्षक प्रशिक्षण की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा भी की गई।

कार्यशाला में यशस्वी जशपुर के सदस्य संजीव शर्मा, अवनिश पाण्डेय, संजय दास सहित समस्त मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित थे ।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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