तखतपुर सीटःटिकट की दावेदारी ही उनकी जीत का पर्याय….?

Chief Editor
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तखतपुर ( दिलीप तोलानी) । आने वाले कुछ महीनों के भीतर होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर दिलचस्प स्थिति बनती जा रही है। हालांकि चुनाव से पहले हर बार टिकट को लेकर दिलचस्पी बढ़ जाती है। लेकिन इस बार बीजेपी ने चुनाव से काफ़ी पहले ही अपने 21 उम्मीदवारों की लिस्ट ज़ारी कर दिलचस्पी और बढ़ा दी है। लिस्ट की ओर टकटकी लगाए हुए लोग और भी कई बातों की ओर गौर कर रहे हैं. जिसमें इस बार यह बात ख़ास तौर से नजर आ रही है कि इस साल के शुरू से ही मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में अनेक चेहरे है. जो अपने  आप को प्रोजेक्ट कर देने मात्र से ही विधायक का ख्वाब देखने लग गए ।

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प्रजातांत्रिक व्यवस्था में जनता के बीच अपनी अच्छी छवि बनाकर कार्य करने की कोशिश तमाम दावेदार करते हैं। इसके बाद नेताओं के बय़ान आने लगते हैं कि जीतने वाले को ही टिकट दिया जाएगा…..। ऐसे में टिकट के दावेदार जिताऊ उम्मीदवार की परिभाषा को प्रमाणित करने के बजाय अपने चेहरे को बार-बार प्रोजेक्ट कर यह प्रचार करने में जुट जाते हैं कि मुझे टिकट मिलेगी …. और मुझे टिकट मिलना ही जीत का पर्याय है….। कुछ इसी तर्ज़ पर तखतपुर सीट में भी परंपरागत रूप से चुनाव लड़ने वाले भाजपा /कांग्रेस दोनों में दो दर्जन से अधिक दावेदार है  ।जो टिकट की आस लगाए अपने आकाओ के चक्कर काट रहे हैं  ।जबकि तखतपुर विधानसभा चुनाव हमेशा त्रिकोणीय संघर्ष का रहा है ।

छोटा राज्य होने के बाद से विधानसभा चुनाव में घमासान तगड़ा हो रहा है।  हमेशा त्रिकोणीय संघर्ष वाले तखतपुर हाई प्रोफाइल सीट से एंटीकैबेसी दोनों दलों में है । पिछले चुनाव को ध्यान में रखकर दोनों दल के नेता अपना दावा तो मजबूत बता ही रहे हैं….। साथ में दो दर्जन दावेदार ऐसे भी है जो टिकट मिल जाने मात्र को ही अपनी जीत मान कर चल रहे हैं …। दूसरी तरफ़ जनता भी मिजाज भाँप रही है कि किसे टिकट मिलेगा और उसे जीत या हार का सेहारा पहनाएंगे..। फिलहाल टिकट के इंतजार में  गुटबाजी चरम पर नजर आ रही है ।जनता भी देख रही है कि इस बार टिकट किसे मिलता है वह कितना चमत्कार कर पाएगा और सबको मनाते हुए जीत का सेहारा पहनेगा ..।

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