जनता कर रही है त्राहिमाम और कांग्रेस के नुमाइंदे गाल बजा रहे हैं… भूपेश सरकार ने जनता को कोविड के साथ अव्यवस्था की दोहरी त्रासदी में डाला – रौशन सिंह

Chief Editor
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बिलासपुर । ज़िला भारतीय ज़नती युवा मोर्चा  के उपाध्यक्ष रौशन सिंह ने कहा है कि कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी रोज शाम को घड़ी देखकर भोंपू राग लेकर आ जाते है । पेपरों में कुछ भी  बयानबाजी करके भूपेश सरकार की तरफदारी करते हैं ।  लेकिन शर्मनाक यह है कि वे त्रासदी के समय भी देश के संघीय ढांचे को मजबूत करने की बजाय केंद्र सरकार पर मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकारों की लिखी हुई स्क्रिप्ट को जारी करते हैं।उन्होने शैलेश नितिन त्रिवेदी से कई सवाल भी किए हैं।

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रौशन सिंह ने एक बयान ज़ारी कर पूछा है कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने वैज्ञानिक समुदाय की अवहेलना करते हुए टीके की खोज का अपमान क्यों किया ?छत्तीसगढ़ से टीके की खेप वापस क्यों की गई ? फाइनल प्रूफ के नाम पर प्रदेश की जनता को टीकाकरण से दूर क्यों रखा गया ? जबकि भारत सरकार के डब्लू एच ओ और केंद्रीय ड्रग प्राधिकरण के द्वारा टीके के उपयोग की अनुमति दी गई हो तो छत्तीसगढ़ की सरकार और उसके मंत्री के पास क्या आधार था जो टीके की गुणवत्ता और अनुसंधान पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किए?

उन्होने आगे कहा है कि  भारत देश की टीकाकरण की नीति को पूरे विश्व में सराहा जा रहा है ।  छत्तीसगढ़ सरकार के कांग्रेस के प्रवक्ता को क्या आपत्ति है?छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा फैलाए गए भ्रम से राज्य के लोगों में टीकाकरण की दर कम है?इस पर जवाब दे? भूपेश सरकार ने राज्य को मिली वैक्सीन वापस भेज दी ।  आज लोग मर रहे हैं और कांग्रेस प्रवक्ता वैक्सीन के लिए केंद्र पर क्यो आरोप लगा रहे हैं? रायपुर के निजी अस्पताल में कोविड का इलाज कराने आये लोग जलकर खाक हो जाते हैं ।  शैलेश नितिन त्रिवेदी इस पर बयान क्यों नहीं देते? राजधानी के बीच शहर में अस्पताल में लोग जल के मर जाते हैं ।  सरकार का कोई मंत्री देखने नहीं गया….। क्या यही संवेदना है???

रौशन सिंह ने आगे कहा कि राजधानी रायपुर लाशो की राजधानी बन गई है। दवाएं और इंजेक्शन आज भी ब्लैक में हजारों रुपए में बिक रही है। आम जनता प्रशासनिक अधिकारियों और निजी अस्पताल डॉक्टरों के बीच पीस रही है। सरकार संवाद और समन्वय में भी नहीं करा पा रही है। इस पर कांग्रेस मौन क्यों है? कांग्रेस की सरकार के कोरोना प्लेयर मंत्रिमंडल कहां गायब है? कोविड पाजिटिव मरीजों की सूची में छत्तीसगढ़ पूरे देश में टॉप पर आ गया है? मंत्रिमंडल सहरा बांधने के समय कहां गायब है? नितिन त्रिवेदी बताये आसाम से राजनीतिक प्रवासियों को धारा 144 में बस्तर पर्यटन क्यों कराया जा रहा है ? कोरोना से लोग मारे जा रहे हैं कांग्रेस के राजनीतिक अतिथि मुर्ग मुसल्लम उड़ा रहे हैं ? क्या उन सभी का कोरोना टेस्ट  किया गया है ? सरकार बोडो पार्टी के प्रत्याशियों को क्वारन्टीन में रखने के बजाय राजनीतिक पर्यटन करा रही है? कांग्रेस के नेता लाशों को जलाने के बहाने फोटो बाज़ी में लगे हुए हैं ? समाज सेवा का ढोंग ऐसा किसी के  भी माल को अपना माल बता कर खुद  कांग्रेस पार्टी द्वारा की जा रही सेवा बताया रह रहा है ? इस पर मौन क्यो है ? जनता आक्सीजन के लिए तरस रही है और जिला अस्पताल बिलासपुर में ऑक्सीजन लीक होने के कारण 300 सिलेंडर   सप्ताह भर में खराब हो गए । प्रशासन में कोई जवाब देने वाला नहीं है ?  विधायक ऑक्सीजन सप्लाई केंद्र का निरीक्षण करते हुए फोटो छपवा रहे हैं ? इस पर कांग्रेस मौन क्यो है?

उन्होने आगे कहा कि लॉक डाउन का नमूना रायपुर से चलता है और लाकडॉउन की जिम्मेदारी कलेक्टरों के नाम पर डाल दी गई है ? राजधानी और अन्य शहरों में नियुक्त किए गए नोडल ऑफीसर शो पीस साबित हो रहे है ? अस्पतालों में दवाओं और बेड की कमी बनी हुई है? इस पर सरकार मौन क्यों है? गांव गाँव मे क्वारंटाइन केंद्रों के नाम पर मौत और अव्यवस्था की दुकान फिर से खोली जा रही है ।  जिसका उद्देश्य 15वें वित्त आयोग और मूलभूत की राशि गप्प कर जाना है। पहले का कर्ज पटा नहीं फिर से दुकानें खोली जा रही है। जिन जगहों पर क्वारंटाइन केंद्र शुरू हो गए हैं वहाँ अव्यवस्था के कारण लोगों में फिर से भागमभाग मची हुई है।  पिछले बार ऐसे केंद्रों में सैकड़ो  लोग परलोक सिधार गए थे  ।  लेकिन सरकार केवल मौत के आंकड़े मैनेज करने में लगी रही। इस पर कांग्रेस मौन क्यों है?

 साल भर का समय मिलने के बावजूद स्वास्थ्य अधो संरचना का विकास करने के लिए भंवरा मुख्यमंत्री ने कोई रुचि नहीं दिखाई। स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच नूरा कुश्ती में प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग बेपटरी हो गया ।  क्या इसीलिए जनता ने सरकार को चुना था । यह कांग्रेस के प्रवक्ताओं को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए। सरकार के नुमाइंदे जनता के सवालों का जवाब देने के बजाय उल्टे सवाल खड़े करने लगते हैं ।इससे यह साबित हो जाता है सरकार के नाम पर प्रदेश में राजनीति का बाजार चल रहा है।आज प्रदेश की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है । भूपेश बघेल  की अदूरदर्शिता पूर्ण नीति से जनता कोविड के साथ अव्यवस्था की दोहरी त्रासदी झेल रही है। लोग बीमारी से कम अव्यवस्था के ज्यादा शिकार हो रहे हैं और सरकार अपना गाल बजाने में लगी हुई है । सरकार के नुमाइंदे रोज शाम मीडिया में मुख्यमंत्री की आरती उतारते हैं और केंद्र सरकार को नीचा दिखाने के लिए तैयार बैठे रहते हैं। कम से कम त्रासदी के वक्त में मानवता के नाम पर राजनीति से ऊपर उठकर जन सेवक एवं राजनीतिक दलों के लोगों के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए ।  सरकार और उसके नुमाइंदों में इतनी भी नैतिकता नहीं रही।

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