मुंगेली/ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने नेशनल लोक अदालतों के परिणाम को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि सभी लोगों के संयुक्त प्रयासों से एक बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है। जिसका उदाहरण छत्तीसगढ में आयोजित लोक अदालतों के पूर्व के आंकड़ों का अवलोकन करने से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में लोक अदालतों के परिणाम की अपेक्षा छत्तीसगढ में लोक अदालतों का परिणाम ज्यादा बेहतर और सराहनीय रहा है।
जिससे यह प्रतीत हुआ है कि लोक अदालत के आयोजन का उद्देश्य पूरा हुआ है। लोक अदालत की सफलता में सभी का सहयोग प्राप्त है और इस उददेश्य को पूरा करने के लिए सभी का योगदान जरूरी भी है, जिससे अच्छे परिणाम आ सकें।
मुख्य न्यायाधीश श्री सिन्हा आगामी 13 मई को आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के संबंध में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के एनआईसी के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि मोटर दुघर्टना दावा प्रकरणों, ट्रैफिक चालान, कामर्शियल कोर्ट, चेक बाउंस, वैवाहिक विवाद के मामलों का लोक अदालतो मेें निराकरण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
छोटे मोटे विवादों का लोक अदालतों के माध्यम से निस्तारण हो जाने पर न्यायालय पर ऐसे छोटे मामलों का भार कम होता है और न्यायालय को संगीन मामलों के शीध्र निराकरण पर विचार करने में सुगमता होती है। उन्होनें वर्चुअल बैठक में उपस्थित जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों से अपेक्षा की कि वे अपने अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रकरणों के निपटारे का प्रयास करें और इसके कार्यान्वयन में यदि कोई समस्या आती है तो जिला एवं विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) के सदस्य सचिव से संपर्क करें।
वर्चुअल मीटिंग को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कायर्पालक अध्यक्ष श्री गौतम भादुड़ी ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से ट्रैफिक चालान, भूमि अधिग्रहण, विद्युत बिल, नगरपालिका के टैक्स, जल देयक, श्रम विवाद, भाड़ा नियंत्रण, राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में निराकृत कर उनके पक्षकारों को राहत दिलायी जा सकती है।
उन्होनें जिले के पुलिस अधीक्षकों से अपेक्षा की कि नेशनल लोक अदालत में चिन्हांकित किए जाने वाले प्रकरणों के पक्षकारों को उचित समय पूर्व नोटिस तामील करायी जा सके, इसके संबंध में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराएं ताकि पक्षकार अपने मामलों के संबंध में न्यायालयों में उपस्थित रह सके।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों से अपेक्षा करते हुए कहा कि नेशनल लोक अदालत का आयोजन हाईब्रिड माध्यम से किया जा रहा है, इसलिए ऐसा कोई पक्षकार जो वर्चुअल माध्यम से मामले में उपिस्थत होना चाहता है, तो उसकी उपस्थिति के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।
उन्होनें लोगों को उनके घर तक न्याय की पहुंच उपलब्ध सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से विगत नेशनल लोक अदालत में जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों के निराकरण के लिए आयोजित की गई, मोहल्ला लोक अदालत की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि आगामी नेशनल लोक अदालत में भी जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों के पक्षकारों को उनकी छोटी मोटी जनोपयोगी समस्याओं से निजात दिलाने का प्रयास करें। उन्होनें कहा कि जिस गति से लोगों अदालतों के सफलता का प्रयास चल रहा है, वह धीमा नहीं होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं विधिक सेवा समिति बिलासपुर के अध्यक्ष एस. एस.अग्रवाल ने कहा कि लोक अदालतों में अधिक से अधिक प्रकरण चिन्हांकित किया जाना ही उद्देश्य नहीं होना चाहिए, बल्कि यह प्रयास होना चाहिए कि चिन्हांकित किए गए प्रकरणों का अच्छी तरह अध्ययन किया जावे, ताकि पक्षकारों को प्रकरण के बारे में अच्छे से समझाया जा सके।
उन्होनें कहा कि मोटर दुघर्टना मुआवजा संबंधी मामलों में अब बीमा कंपनियां भी आगे आकर पीड़ित पक्ष से राजीनामा करने का प्रयास करती है, इसलिए इस दिशा में प्रयास आवश्यक है। यह उत्साह का विषय है कि माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय के द्वारा छत्तीसगढ राज्य में लोक अदालतों के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण की सराहना की गई है।
हमें आगे भी लोक अदालतों के आयोजन के उद्देश्यों को पूरा करने में ऐसे ही प्रयास करते रहने की आवश्यकता है। वर्चुअल मीटिंग में समस्त जिला न्यायाधीश, फैमिली कोर्ट जज, जिलों के न्यायिक अधिकारियों, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, बैंक बीमा के अधिकारियों, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, आयुक्त नगरपालिक निगम इत्यादि के साथ वर्चुअल वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान जुड़े थे।