भारत की GDP में करोड़ों का योगदान दे रहे क्रिएटर्स, इस प्रक्रिया में पैदा हुईं लाखों नौकरियां: भारतीय क्रिएटर्स पर बोला यूट्यूब

Shri Mi
2 Min Read

नई दिल्ली: भारत की क्रिएटर अर्थव्यवस्था फलफूल रही है और यूट्यूब पर लोकल क्रिएटर्स सालाना अनुमानित रूप से देश के सकल घरेलू उत्पाद में 6,800 करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं और इस प्रक्रिया में 7 लाख नौकरियां पैदा कर रहे हैं। चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर यूट्यूब नील मोहन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यूट्यूब न केवल क्रिएटर्स को एक दर्शक बनाने की अनुमति देगा, बल्कि उनके लिए व्यवसाय बनाने के लिए आर्थिक अवसर भी पैदा करेगा।

Join Our WhatsApp Group Join Now

यूट्यूब एक ऐसा स्थान है जहां सभी प्रकार के व्यवसाय फल-फूल रहे हैं-खासकर छोटे व्यवसाय क्योंकि यह प्लेटफॉर्म एक विज्ञापन-संचालित मीडिया प्लेटफॉर्म है। नील मोहन ने बताया, “रचनात्मक सफलता के साथ-साथ लिंग विविधता के संदर्भ में हमारे मंच पर सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व किया गया है। हमारे पास ऐसे टूल हैं जो यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि प्लेटफॉर्म कंटेंट क्रिएटर्स और यूजर्स दोनों के लिए एक सुरक्षित और समावेशी स्थान बना रहे।मोहन ने कहा कि यूट्यूब एक ऐसी जगह है जहां पूरे भारत में कंटेंट क्रिएटर्स हमेशा पहले आते हैं। उन्होंने आगे कहा, “इसे समावेशी और विविधतापूर्ण बनाना हमारी प्राथमिकता है।

क्रिएटर अर्थव्यवस्था भारत में दसियों मिलियन लोगों को प्रभावित करती है और इसलिए सरकारों के लिए इन प्लेटफार्मों पर क्या होता है, इसकी परवाह करना स्वाभाविक है।” उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी प्रमुख हितधारकों, सरकारों और यूट्यूब पर है कि मंच का उपयोग गलत सूचना फैलाने के लिए नहीं किया जाता है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close