रिश्वत लेते दो सरकारी कर्मी पकड़े गए, तीन महीने में 14 गिरफ्तारियां

Shri Mi
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रांची। झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो ने बुधवार को चतरा जिले के गिद्धौर ब्लॉक के दो कर्मियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए कर्मियों में पंचायत सचिव कमलेश वर्मा और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सीताराम रजक शामिल थे।

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ये दोनों 15वें वित्त आयोग की योजना के तहत मनरेगा की योजनाओं में भुगतान के नाम पर एक ग्रामीण से घुस ले रहे थे। इन दोनों ने जैसे ही रिश्वत की रकम वसूली, कार्यालय के पास ही मौजूद एसीबी की हजारीबाग जिले की टीम ने दोनों को पकड़ लिया।सूरज साव नामक जिस व्यक्ति ने रिश्वत दिये, उसने पहले ही एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में शिकायत सही पाये जाने के बाद मामला दर्ज कर यह कार्रवाई की गई।

एसीबी टीम की अगुवाई डीएसपी विमलेश त्रिपाठी कर रहे थे।

झारखंड में पिछले तीन महीनों के दौरान एसीबी ने 14 अफसरों-कर्मियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। इसी महीने बीते छह सितंबर को कोडरमा जिले के झुमरी तिलैया नगर परिषद के सिटी मैनेजर को एक विज्ञापन एजेंसी संचालक से 25 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था।

इसी तरह दो सितंबर को धनबाद में डीसी ऑफिस के क्लर्क कृष्णेंदु चौधरी, इसी जिले में एक राजस्व कर्मचारी और जमशेदपुर के बागबेड़ा थाने के एएसआई को भी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था।

निगरानी विभाग और एंटी करप्शन ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि हर आठवें-नवें दिन कोई न कोई रिश्वतखोर पकड़ा जाता है। रिश्वतखोरी के सबसे ज्यादा मामले पुलिस विभाग में हैं। सिर्फ एसीबी की धनबाद इकाई ने पिछले 14 महीनों में आठ पुलिस अफसरों-कर्मियों को घुसखोरी के आरोप में पकड़कर जेल भेजा।

इसके अलावा सबसे ज्यादा राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास, इंजीनियरिंग विभाग, बिजली शिक्षा, पथ निर्माण और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं।

बता दें कि निगरानी विभाग ने राज्य मुख्यालय रांची के अलावा दुमका, पलामू, हजारीबाग, धनबाद और जमशेदपुर में कार्यालय खोले हैं, जहां लोग रिश्वतखोरी की शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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