पशुओं का होगा टीकाकरण..किसान नेता की मांग पर प्रशासन का आदेश..धीरेन्द्र ने कहा..फील्ड में भेजने से पहले कर्मचारियों का कराया जाए टीका

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-प्रशासन ने एक आदेश जारी कर बारिश के पहले सभी पशुओं में टीकाकरण अभियान चलाए जाने का आदेश जारी किया है। बताते चलें कि मामले में भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने संयुक्त संचालक से चर्चा कर निवेदन किया कि कोरोना काल में किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़े। इसके पहले पशुओं में होने वाले मुंह पका खुर पका रोग से बचाव को लेकर टीकाकरण अभियान चलाया जाना जरूरी है।बारिश के समय पशुओं में होने वाले फूड एण्ड माउथ डीसीज से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।
 
            भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने गौवंश के टीकाकरण की मांग को पशु चिकित्सा विभाग ने गंभीरता से लिया है। संयुक्त संचालक आर.के.सोनवाने से 16 मई को 21 को मामले की गंभीरता को देखते हुए किसान नेता धीरेन्द्र दुबे विशेष रूप से टीकाकरण अभियान चलाए जाने की मांग की थी। विभाग ने धीरेन्द्र दुबे की बातों को न केवल गंभीरता से लिया बल्कि कोरोना काल में किसानों को किसी प्रकार की पशु हानी से बचाने फूड एण्ड माउथ डीसिज से बचाने टीकाकरण अभियान चलाए जाने का आदेश जारी किया है। आदेश जारी होने पर किसान संघ नेता ने  खुशी जाहिर की है। साथ ही विभाग को किसान हित में उठाए गए कदम के लिए धन्यवाद भी दिया है।
 
               आदेश जारी होने के बाद  किसान नेता धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि आदेश जारी होने के बाद पशु चिकित्सा विभाग ने पशुओं में टीकाकरण अभियान को लेकर कुछ चिंता जाहिर की है। साथ ही राज्य पशु चिकित्सा संघ के पदाधिकारियों ने विभाग को पत्र भी लिखा है। पत्र में कर्मचारियों ने बताया है कि टीकाकरण अभियान के दौरान विभाग में अधीनस्थ कर्मचारियों के लिए N95 मास्क , सेनेटाइजर , ग्लब्स , पीपीई किट , फेसशील्ड, लिकविड शाप  का अभाव है। कोरोना काल में पशुओं में टीकाकरण अभियान चलाए जाने से पहले कर्मचारियों को सुरक्षित रखने इन सामानों की सख्त जरूरत है। 
 
                    धीरेन्द्र ने बताया कि पशु चिकित्सा विभाग के अनुसार विभाग में लगभग 200 कर्मचारियों है। इनमें सिर्फ 40 कर्मचारियों को ही कोरोना का टीका लगा है। बाकि कर्मचारियों को अभी तक टीका नही लगाया गया है। न ही विभाग ने अपने कर्मचारियों के टीकाकरण के लिए शासन को प्रस्ताव ही भेजा है। जबकि कुछ कर्मचारी कोरोना के शिकार हो चुके है। ऐसी परिस्थितियों में कर्मचारियों को फील्ड में भेजकर कोरोना के संक्रमण को आमंत्रण देना है ।
 
                कर्मचारियों ने यह भी बताया कि पर्याप्त संसाधन के अभाव में फील्ड में जाने से कमोबेश सभी लोगो को डर लगा रहा है। हालाकि एक प्राइवेट मेडिकल एजेंसी की तरफ से कुछ सामग्रियों का निःशुल्क वितरण किया गया है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
 
           किसान नेता ने बताया कि पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों की शिकायत को लेकर संयुक्त संचालक आर.के .सोनवाने से फोन से चर्चा की है। चर्चा के दौरान संयुक्त संचालक से निवेदन किया गया है कि पशुओं में टीकाकरण अभियान चलाए जाने से पहले कर्मचारियों का कोरोना टीकाकरण कराया जाए।साथ ही सात दिनों के अन्दर फील्ड कर्मचारियों को कोरोना से बचने संसाधन की भी व्यवस्था की जाए। ताकि सभी कर्मचारी सुरक्षा के वातावरण में पशुओं के टीकाकरण का  कार्य को अजाम दे सकें।
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