बिलासपुर—- युवा कांग्रेस और एनएसयूआई ने आज संयुक्त रैली निकालकर केन्द्र सरकार के किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। सांसद निवास पहुंंचकर किसानों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। साथ ही केन्द्र सरकार को किसान विरोधी बताया। जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष भावेन्द्र और एनएसयूआई नेता रंजीत की अगुवाई यूथ नेताओं ने प्रधानमंत्री पर अन्नदाताओं पर जुल्म करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा की मांग की।
यूथ कांग्रेस ने आज भावेन्द्र गंगोत्री और रंजीत सिंह की अगुवाई रैली निकालकर केन्द्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। दोनों नेताओं की अगुवाई में यूथ कांग्रेसियों ने सांसद आवास के सामने पहुंचकर जमकर नारेबाजी। साथ ही धरना प्रदर्शन किया।
भावेन्द्र गंगोत्री और रंजीत सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार किसान विरोधी है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने अडानी और अंबानी के बीच देश को बरबाद करने का एमओयू है। इसी क्रम में पहले देश के सभी कमाऊ सरकारी कंपनियों को निजी हाथों के हवाले किया गया। अब किसानों को बरबाद करने के लिए कृषि सुधार के नाम पर तीन कानून लाया गया है।
भावेन्द्र और रंजीत ने कहा कि पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओ पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे है। अब 58 किसानों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके किसानों के लिए रोना रोने वाली सरकार ने मरहम में घाव भी लगाना उचित नहीं समझा है। टुकड़े टुकड़े गैंग भेजकर प्रदर्शनकारी किसानों को डराया धमकाया जा रहा है।
भावेन्द्र ने बताया कि पहले तो 60 लाख मीट्रिक टन चावल की मांग केन्द्र सरकार करती है। बाद में बहाना बनाकर चावल का उठाव नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते संग्रहण केन्द्र्ों से धान का उठाव नहीं हो रहा है। दरअसल केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को परेशान करने वारदाना पर रोक लगा दिया है। इससे जाहिर होता है कि केन्द्र किसानों का हित नहीं चाहती है। झूठ और घड़ियाली आंसू का सहारा लेकर किसानो को दिग्भ्रमित करने का प्रयास केन्द्र सरकार कर रह ीहै। लेकिन किसान सब कुछ समझ गया है। उनके सामने अब देश विरोधियों की दाल नहीं गलने वाली है।
भावेन्द्र ने कहा…भूपेश सरकार केन्द्र की अडंगा नीतियों से नहीं हारने वाली है। प्रदेश का मुखिया किसान पुत्र है। उसे अच्छी तरह से मालूम है कि किसानों के हित के लिए क्या कुछ उचित किया जाना चाहिए। रंजीत ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार ने वारदाना नहीं दिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। आज हम लोगों ने सांसद आवास का घेराव कर केन्द्र को संदेश दिया है। बताया गया कि केवल गाल बजाने से किसानों का हित नहीं होने वाला है। नेताओं ने कहा काला कानून का जमकर प्रचार प्रसार करने वाले सांसद अरूण साव से हमारी मांग है कि केन्द्र सरकार पर दबाव डालें। और किसानो को जल्द से जल्द वारदाना उपलब्ध कराएं।
यूथ कांग्रियों का सांसद आवास के उग्र घेराव के दौरान पुलिस के साथ झूमा झटकी भी हुई। पुलिस को यूथ नेताओं को नियंत्रित करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।