जिसने तिफरा फल सब्जी मण्डी नहीं देखा,1 बार जरूर देखें,स्वच्छता अभियान की कैसे उड़ती हैं धज्जियां..व्यापारियों को समझा जाता है

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-हबीब तनवीर का एक नाटक का नाम है..जिन्ने लाहौर नहीं देख्यो…खैर नाटक के जरिए हमने लाहौर तो देखा..सवाल है कि कितने लोगों ने बिलासपुर की तिफरा स्थित थोक फल और सब्जी मण्डी को देखा है। यदि नहीं देखा है तो..एक सामान्य भारतीयों की तरह हम भी परामर्श देंगे कि यदि बीमारी खरीदना है तो तिफरा फल सब्जी मण्डी का एक बार भ्रमण जरूर करें। देखने का प्रयास करें कि कैसे शहर के व्यापारी बजबजाती नालियों और सड़े गड़े फल और सब्जी की बदबू और जर्जर पहुंच मार्ग के बीच व्यापारिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। यहां कुछ देखने को मिले या नहीं मिले..व्यापारियों की विवशता..और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ते बिना चाहे देखने को जरूर मिल जाएगा।और नहीं मिलेंगे थोक सब्जी मण्डी के सचिव मिस्टर बघेल..जिन्होंने यहां शायद ही कभी यहां व्यापारियों की हाल चाल और व्यवस्था के बारे में पूछा और देखा हो।

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                  तिफरा थोक फल और सब्जी मण्डी के अध्यक्ष अनिल सलूजा कहते हैं..यहां बड़े बड़े ख्वाब देकर व्यापरियों को बुलाया गया। अब हमें लावारिश छोड़ दिया गया है। यहां हजारो गाड़ियां किसानों का रोज आना जाना होता है। पिछले 6 साल से मण्डी में झाडू नहीं लगा है। रंग रोगन का सवाल ही नही उठता है। यहां एक घण्टा भी काटना मुश्किल है। लेकिन हमारी और वायापारियों की मजबूरी है..इसलिए यहां है। उन्होने बताया कि ऐसा नहीं है कि हमने मण्डी बोर्ड के सचिव से साफ सफाई और सड़क की दुर्दशा के लिए कभी बातचीत नहीं की। साहब हमने व्यापारी साथियों के साथ तोरवा मण्डी स्थित सचिव का घेराव किया। जिला प्रशासन को भी अपनी मजबूरियों से अवगत कराया। लेकिन परिणाम  ढाक के तीन पात ही मिले हैं।

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