“वन टाइम रिलैक्सेशन” की थीम से एलबी संवर्ग के शिक्षकों का भला होगा या नहीं …? पढ़िए शिक्षक नेताओं का की क्या है राय …?

Shri Mi
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सुरजपुर। शिक्षक समुदाय इस दौर में अपने सुनहरे भविष्य के लिए इस सवाल … कि वन टाइम रिलेक्सेशन की थीम से सभी एलबी संवर्ग के शिक्षको का भला संभव होगा या नही…..? यह कैडर इसके मायने तलाश रहा है।संविलियन के पहले और उसके बाद इस संवर्ग की स्थिति बदली है पंचायत विभाग के अधीन रहा शिक्षक मुख्यधारा में आकर नियमित कर्मचारी हो गया है जो इतिहास और सत्ता का गणित समझना जानता है। हाल ही के पदोन्नति पर कैबिनेट के फैसले ने इस पूरे कैडर आंदोलित कर दिया है। जिस वजह से अब पुरानी सेवा की गणना और पदोन्नति सहित और क्रमोन्नत वेतनमान व वर्ग तीन का वेतन विसंगति फिर से ज्वलंत मुद्दे के रूप में सामने आया है। शिक्षक राजनीति और संविलियन मोर्चा के दो बड़े चेहरे केदार जैन ने 14 और वीरेंद्र दुबे ने 18 दिसंबर को आंदोलन और विधानसभा के धेराव का ऐलान कर दिया है। वही नेता प्रतिपक्ष धर्म लाल कौशिक में भी शिक्षकों के इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की है

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वन टाइम रिलेक्सेशन की थीम से सभी एलबी संवर्ग के शिक्षको को लाभ मिलेगा इसी सवाल पर सीजी वाल ने प्रदेश के कई शिक्षकों और शिक्षक संघ के नेताओं से चर्चा की है इस सवाल पर छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने आंकड़े और नियम सहित बताया कि भर्ती नियम 2019 में पदोन्नति के लिये सेवा अवधि 5 वर्ष का उल्लेख है। वन टाइम रिलैक्सेशन होने से सभी एल बी संवर्ग को पदोन्नति की पात्रता संविलयन तिथि 1 जुलाई 2018 से 3 वर्ष सेवा अवधि अर्थात 1 जुलाई 2021 से होगा। मतलब शिक्षक संवर्ग पुरानी सेवा की गणना संविलियन तिथि से मानी जाएगी।शिक्षाकर्मियों का हुआ संविलियन भी यही कहता है ।

राजेश चटर्जी का कहना है कि पदोन्नति के लिए शिक्षा को सहायक शिक्षक वर्ग के लिए सरकार अच्छा निर्णय लिया है लेकिन इसका तात्कालिक लाभ सभी एलबी संपर्क के शिक्षकों को नहीं होने वाला है क्योंकि मार्च 2020 के स्थिति में
प्रधानपाठक प्राथमिक शाला स्थिति पर गौर करे तो लगभग स्वीकृत 30328 पद है। जिसमे 9650 के आसपास कार्यरत है रिक्त पदों की संख्या लगभग 20678 के करीब है।

राजेश चटर्जी ने बताया कि विभाग में उपलब्ध रिक्त पदों पर सर्वाधिक लाभ सहायक शिक्षक ( एल बी) से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला पद पर पदोन्नति पद संख्या में मिलेगा। लेकिन राह इतनी आसान नही है। भर्ती नियम 2019 के अनुसार सभी पदों पर फीडर पद से पदोन्नति हेतु ई /टी/एल बी संवर्ग के लिए प्रावधान निर्धारित है। प्रावधानों के अनुसार स्वीकृत पदों में सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के स्पष्ट नियम हैं।

शिक्षक नेता शिव सारथी बताते है कि
वन टाईम रिलेक्सेशन का सरकारी थीम एक छलावा है। आज बहुत से शिक्षक प्रधान पाठक और उच्च पद के वेतनमान के करीब पहुच चुके हैं। इस थीम से कुछ लोग पदोन्नत होंगे तो कुछ क्रमोन्नति के आस में निराश। इस व्यवस्था से न तो पदोन्नति के दायरे में आने वाले सहायक शिक्षकों को फायदा होगा और न ही उन्हें जिनको इसका लाभ नहीं मिल पाएगा । इस फैसले से व्यख्याता वर्ग को विशेष नुकसान हो रहा है। अन्य समस्त शासकीय कर्मचारियों जैसे एलबी संवर्ग की पुरानी सेवा की गणना करते हुए पदोन्नति और कम्रोन्नति के आर्थिक लाभ देने से ही शिक्षक संवर्ग का भला हो पायेगा।

नवीन शिक्षक संघ के प्रमुख शिक्षक नेता विकास राजपूत का कहना है कि हाल ही में मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि 5 वर्ष के स्थान पर 3 वर्ष में पदोन्नति से शिक्षको को नुकसान अधिक है लाभ कम है। यह निर्णय हमारी प्रमुख मांग को भटकाने का प्रयास मात्र है।हम लगातार मांग कर रहे है कि पूर्व सेवा अवधि की गणना कर नियुक्ति तिथि से दो वर्ष पश्चात प्रत्येक वर्ष का वार्षिक वेतनवृद्धि वेटेज लाभ व देय समयमान वेतनमान के आधार पर संविलियन पश्चात सातवां वेतनमान का निर्धारण कर वेतन विसंगति को दूर किया जाना चाहिए

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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