बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि….सूर्यवंशी समाज ने किया स्वागत..कहा बेटा बेटी में भेद नहीं…

BHASKAR MISHRA
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तखतपुर–पिता ने जैसा चाहा..बेटी ने भी ठीक वैसे ही किया। इतना ही नहीं पु्त्री और पति की इच्छा को पूरा करने मां ने भी बड़ा निर्णय लिया। इसके बाद जो कुछ भी हुआ…तखतपुर के लोग इस बात को हमेंशा हमेशा के लिए याद रखना चाहेंगे। दरअसल एक बेटी ने पिता की इच्छा के अनुसार निधन के बाद दाह संस्कार की।
 
             नगर के वार्ड क्रमांक 4 आजाद नगर निवासी संजय केनार पिता स्व. राजाराम केनार पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा था। बिलासपुर में लम्बे उपचार के बाद संजय केनार वापस घर आया। बीती रात्रि संजय केनार की तबीयत अचानक बिगड गयी। इसके पहले संजय केनार को बिलासपुर पहुंचते उनकी मौत हो गयी।
 
                  पत्नी ने बताया कि संजय केनार अस्वस्थ्य चल रहे थे…उन्होने अपनी पत्नि और पुत्री को बताया कि मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार पूजा केनार ही करेगी। संजय का निधन हुआ परिजन एकत्रित हुए और दाह संस्कार कौन करेगा की चर्चा भी शुरू हुई।
 
                    चूंकि संजय की एक मात्र औलाद बेटी पूजा केनार है। पूजा केनार कन्या हाई स्कूल में कक्षा 12वीं की छात्रा है। परिजनों के बीच अंतिम संस्कार को लेकर चर्चा चल रही थी…मामले की जानकारी संजय केनार की पत्नी को हुई। पत्नि ने परिजनों और समाज के लोगों को मृत पति की अंतिम इच्छा की जानकारी दी। पत्नी ने बताया कि संजय केनार को अंतिम विदाई पुत्री पुजा ही देगी। इतना सुनते ही कुछ देर के लिए लोग थोडे असहज हो गए। जाहिर सी बात है कि आज से पहले तक सूर्यवंशी समाज में पुत्री ने कभी भी मुखाग्नि प्रक्रिया का हिस्सा नहीं रही। 
 
                          लोग संजय केनार के निर्णय को लेकर मथन करते रहे..लेकिन पत्नी ने दो टूक कहा कि पति को अंतिम विदाई बेटी पूजा ही देगी। कुछ देर बाद भी समाज के लोग पुरानी परंपरा को दरकिनार करते हुए एक मत होकर पुत्री पूजा से दाह संस्कार कराने का निर्णय लिया। अंतिम यात्रा के बाद जब दाह क्रिया करने के लिए शिक्षिका सीमा केनार पूजा को लेकर पहुंची। पूजा को पिता का दाह संस्कार करते देख लोग गमगीन हो गए। संजय केनार का दाह संस्कार पुत्री के द्वारा किए जाने की जानकारी जब समाज के अध्यक्ष अजय केनार को दी गई तब उन्होंने कहा कि संजय की अंतिम इच्छा को पुजा बेटी ने पूरा किया। अध्यक्ष ने कहा कि  नयी परंपरा से समाज में जागृति आएगी। लोगों में पुत्र और पुत्री के बीच भेद मिटेगा। 
 
                    स्थानीय पार्षद टेकचंद कारडा ने बताया कि हम सभी को अपने सोच में परिवर्तन की जरूरत है। बेटा और बेटी के बीच भेद नही करना चाहिए।  पुरानी परंपरा को सुधारने की दिशा में  सूर्यवंशी समाज ने क्रांतिकारी कदम उठाया है। निश्चित ही हमे इस कदम से प्रेरणा लेने की जरूरत है।  संजय केनार का स्थानीय मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया।
 
श्रद्धांजलि दी गयी
 
सामाजिक कार्यकर्ता संजय केनार के निधन पर  शोक सभा का आयोजन किया गया। शैलेंद्र प्रधान ने कहा संजय केनार ने पूरे जीवन में सबको साथ लेकर चला। उनके निधन पर हम खालीपन महसूस कर रहे हैं। अंतिम संस्कार बेटी ने किया। इस दौरान  जगजीत सिंह मक्कड़, पार्षद टेकचंद कारड़ा जितेन्द्र राज अजय केनार अजय देवांगन राजेश सोनी बबला मसीह करीम कुरैशी श्याम लहरे मनोज टण्डन धर्मेन्द्र टण्डन मीण्टु लाला टीकाराम नरेन्द्र रात्रे संदीप खाण्डेय सुनील जांगड़े साऊलाल रात्रे चिंटु तोलानी अशोक गुप्ता कृष्ण कुमार सूर्यवंशी,दादु मुचनु राजू साहू छोटेलाल साहू इंदुआ ने बेटी का  ना केवल मनोबल बढ़ाया। बल्कि संजय केनार के साथ साथ सूर्यवंशी समाज के निर्णय की जमकर तारीफ भी की।
 
 
 
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