मेरा बिलासपुर

सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जाना हाल

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Screenshot_2015-08-10-23-45-11-1

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जिन जिलों में किसानों को खरीफ फसलों के लिए पानी की जरूरत महसूस हो रही है, अगर वे नदी-नालों से डीजल पम्पों के जरिए पानी लेना चाहते हैं तो उन्हें इसकी तत्काल अनुमति दी जाए। डॉ. सिंह ने आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों की बैठक ली। डॉ. सिंह ने बैठक में बारिश और खरीफ फसलों की बोनी की स्थिति, खाद-बीज वितरण व्यवस्था, जलाशयों में जल भराव की स्थिति, सिंचाई के लिए बिजली की नियमित आपूर्ति जैसे विषयों की विस्तृत समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. सिंह ने जिला कलेक्टरों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में मलेरिया और उल्टी-दस्त जैसी मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए कार्य योजना के अनुरूप उस पर तत्परता से अमल करें। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री विकास शील, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री के.आर. पिस्दा, जल संसाधन विभाग के सचिव डॉ. बी.एल. तिवारी, वाणिज्य और उद्योग विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बैठक में बताया गया कि राज्य के 27 में से पांच जिलों में चालू मानसून के दौरान बारिश तुलनात्मक रूप से कुछ कम हुई है। विगत एक जून से अब तक इनमें से बालोद जिले में 57.3 प्रतिशत और गरियाबंद जिले में 56.8 प्रतिशत वर्षा रिकार्ड की गई है। इसी अवधि में कोरिया जिले में 67 प्रतिशत, राजनांदगांव जिले में 64.9 प्रतिशत और कांकेर जिले में 66.8 प्रतिशत औसत वर्षा दर्ज की गई है। इन्हें मिलाकर राज्य के सभी 27 जिलों में इस वर्ष विगत एक जून से आज दस अगस्त तक कुल 599.5 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में आज तक की औसत वर्षा का प्रतिशत 87.1 बताया गया। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य में फिलहाल बारिश की स्थिति अधिकांश जिलों में संतोषप्रद है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी कलेक्टर आकस्मिक कार्य योजना तैयार रखें। जिन पांच जिलों में बारिश अपेक्षाकृत कम हुई है,वहां किसानों को सिंचाई पम्पों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ बिजली देने की व्यवस्था की जाए। असाध्य सिंचाई पम्पों को बिजली देने के लिए सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र तथा बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण और अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के मद से आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त राशि आवंटित की जाए।
मौसम विभाग की ओर से बैठक में बताया गया कि अगले 48 घण्टों में छत्तीसगढ़ में कम दबाव का क्षेत्र निर्मित होने और 12 तथा 13 अगस्त को व्यापक रूप से अच्छी वर्षा होने की संभावना है। जिन जिलों में औसत बारिश अपेक्षाकृत कम हैं, वहां आगामी दिनों में कम पानी में जल्दी तैयार होने वाली दलहन, तिलहन आदि की फसलों की बोनी की संभावनाओं पर भी बैठक में विचार किया गया।
अधिकारियों ने बैठक में बताया कि राज्य सरकार के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश के सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में रासायनिक खाद और बीजों का भण्डारण किया जा चुका है और वितरण भी प्रगति पर है। चालू खरीफ वर्ष 2015 में यूरिया, सुपर फास्फेट, डी.ए.पी., एन.पी.के. और एम.ओ.पी. उर्वरकों को मिलाकर कुल छह लाख 18 हजार मीटरिक टन खाद का भण्डारण किया गया और उसमें से पांच लाख 19 हजार 716 मीटरिक टन का वितरण किया जा चुका है। खाद वितरण सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को मिलाकर पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष ग्यारह प्रतिशत अधिक है। डॉ. रमन सिंह ने सभी कलेक्टरों को मौसमी बीमारियों की समय पूर्व रोकथाम के लिए जिलों में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली। सभी कलेक्टरों ने उन्हें बताया कि शहरों और गांवों में मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाईयों का भण्डारण सुनिश्चित किया जा चुका है। शासकीय जिला अस्पतालों में काम्बेट टीमों का गठन कर लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री विकास शील ने बताया कि विभाग द्वारा कॉल सेंटर में प्रतिदिन रिपोर्ट ली जा रही है। मलेरिया की तुरंत पहचान के लिए मितानिनों को आवश्यक परीक्षण किट दिए गए हैं।


Back to top button
close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker