बिलासपुर— मेयर रामशरण यादव ने दो टूक कहा है कि सरकारी जमीन पर किसी को बेजाकब्जा नहीं करने दिया जाएगा। चाहे वह रसूखदार अधिकारी हो या नेता शासन के निमय के तहत ही 7500 वर्गफिट जमीन दिया जाएगा। एक ही परिवार के कई सदस्यों को जमीन देने का सवाल ही नहीं उठता है। क्योंकि यह योजना गरीबो और लम्बे समय से काबिज लोगों के लिए लायी गयी है। यदि किसी प्रकार की मिलीभगत की शिकायत पायी जाती है तो निगम ऐसे जमीन पर निर्माण कार्य की अनुमति नहीं देगा।
मेयर रामशरण यादव ने कहा कि सरकारी जमीन पर लम्बे समय से काबिज लोगों को ही जमीन का पट्टा दिया जाएंगा। आवेदन किए जाने पर अधिकतम 7500 वर्ग फिट ही जमीन देंगे। जो भी सरकारी जमीन निगम के दायरे में है। उसकी सुरक्षा को लेकर हम सतर्क है। उन्होने दो टूक कहा कि सरकारी जमीन हथियाने को लेकर मिलीभगत का खेल नहीं चलने दिया जाएगा। जमीन पर नजर रखने वाले रसूखदार नेताओं को भी स्पष्ट कर दूं कि उन्हें शासन के नियमों से खिलवाड़ करने दिया जाएगा।
महापौर ने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने स्प्षट निर्देश दिया है कि सरकारी जमीन पर लम्बे समय से काबिज लोगों को ही पट्टा दिया जाए। जिन्हें पट्टा नही मिला है और जमीन पर लम्बे समय से बने हुए हैं ऐसे लोगों को आवेदन करने पर शर्तों के अनुसार 7500 वर्गफिट जमीन का पट्टा निर्धारित शुल्क पर दिया जाएगा।
देखने में आया है कि एक ही परिवार के लोग एकड़ों जमीन पर 7500 वर्गफिट जमीन के लिए आवेदन किए हैं। मेयर ने बताया कि हमें जानकारी है कि ऐसे आवेदन आए हैं। एक से अधिक प्लाट की मांग पर जमीन की निलामी होगी। उन्होंने दो टूक कहा कि मैं निगम का मेयर हूं..मुझे अपनी जमीन की सुरक्षा को लेकर चिन्ता है। किसी भी अधिकारी की मनमानी नहीं चलेगी।
मेयर ने कहा कि चाहे जो कुछ भी हो…मैने पहले भी कहा है किनिगम अंतर्गत आने वाली सभी सरकारी जमीनों पर पट्टा लेने के लिए निगम एमआईसी का एनओसी लेना जरूरी है। एनओसी के बिना निर्माण कार्य को स्वीकृति नहीं दी जाएगी।