जोगी ने गिनाया..वादाखिलाफी के 7 बिन्दु…कहा….सालाना घाटे को कैसे पूरा करेगी सरकार..आउटसोर्सिंग पर मौनव्रत

BHASKAR MISHRA
4 Min Read
बिलासपुर—-जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) अध्यक्ष अमित जोगी ने बजट पर प्रतिक्रिया दी है। जोगी ने कहा कि भूपेश के पहले बजट में ही जनता के साथ वादाखिलाफ़ी की गयी है। किसानों की क़र्ज़ माफ़ी को लेकर सरकार का “एक नवजात शिशु की तरह क़दम उठाना” बेहद निराशाजनक है।
               अमित जोगी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि दस दिनों में सम्पूर्ण कर्ज माफ़ी की घोषणा करने वाली सरकार की पहला वादाखिलाफ़ी। 40,0000 करोड़ के व्यावसायिक बैंकों से लिए क़र्ज़े के विरुद्ध मात्र 5 हजार करोड़ का प्रावधान “ऊँट के मुँह में ज़ीरा जैसे है। आर॰बी॰आई॰ के अनुसार बजट में प्रदेश के कृषकों के 72 प्रतिशत ऋण माफ़ करने का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है।
          जोगी ने कहा कि जनघोषणा पत्र के अनुरूप शराबबंदी और बेरोज़गारी भत्ता के लिए 1 लाख करोड़ के बजट में प्रावधान न करना, सरकार की दूसरी वादाखिलाफ़ी है। साफ़ दिखता है कि सरकार को शराब माफ़िया ने ख़रीद लिया है।पुलिस कर्मियों को जीवन बीमा और साप्ताहिक छुट्टी न देना  पंचायत सचिव, कोटवार, रोज़गार सहायक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, ग्राम पटेल और रसोईया के नियमितिकरण का बजट में कोई प्रावधान नहीं रखना, सरकार की तीसरी वादाखिलाफ़ी है।
                  जोगी ने  बताया कि प्रदेश के 85 प्रतिशत उपभोक्ता 400 यूनिट बिजली प्रतिमाह से अधिक की खपत करते हैं। ऐसे में उन्हें बिजली बिल हाफ़ का कोई फ़ायदा नहीं होगा। हर साल 209 करोड़ यूनिट बिजली की कटौति होने के बावजूद बिजली उत्पादन क्षमता 1 यूनिट भी बड़ाने का प्रावधान नहीं करना समझ से परे है। सरकार की यह चौथी वादाखिलाफ़ी है।
                     अमित जोगी ने कहा कि सरकार की पांचवी वादाकिलाफी स्टेट जीएसटी, पेट्रोल, डीज़ल पर वैट और बिजली शुल्क की वसूली में कटौती नहीं करना है। ऐसा नहीं करके सरकार ने प्रदेश में नए उद्योगों के खुलने का और जीडीपी॰ बड़ाने का रास्ता बंद कर दिया है। रमन सरकार ने भूमि-अधिग्रहण की दर आधा कर दिया था।  इसे यथावत न रखना सरकार की छठवी वादाखिलाफ़ी होगी।
                 जोगी ने सातवीं वादा खिलाफी गिनाते हुए कहा कि सरकार ने आउट्सॉर्सिंग नीति पर स्पष्ट रूप से रोक नहीं लगाया है। स्वास्थ और शिक्षा सेवाओं में 23,456 रिक्त पदों में भर्तियाँ नहीं करना दुखद है। एडीबी से लिए जा रहे क़र्ज़े की तीसरी किश्त भविष्य की पीढ़ी के लिए घातक सिद्ध होगी। लगातार कमज़ोर होते रुपए की जगह डॉलर में ऋण अदायगी की शर्त के कारण सरकार को ऋण चुकाने के लिए अब लगभग 17 000 करोड़ अतिरिक्त ऋण लेना पड़ेगा। जो कि सरासर नाइंसाफ़ी है।
                   जोगी ने बताया कि सरकार की करनी और कथनी में भारी अंतर है। बजट पेश करने के बाद जाहिर हो गया है कि सरकार की नीति और नियत में खोट है। आय के स्रोत के लिए सरकार पूरी तरह से शराब बेचने पर निर्भर रहेगी। आय के स्रोतों की वैकल्पिक व्यवस्था के निर्माण नही करना सरकार के मानसिक दिवालियापन को जाहिर करता है। प्रदेश में पाए जाने वाले 47 खनिज पदार्थों में से केवल 7 का खनन हो रहा है। बाक़ी के बारे में सरकार के पास कोई सोच नहीं है।
                     सरकार उपभोग-आधारित जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद उत्पादन-आधारित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को लगभग 25 हजार करोड़ के सालाना घाटे की पूर्ति कैसा पूरा करेगी? -इसका कोई ज़िक्र बजट में नहीं।
close