बिलासपुर । पिछले लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस के पोलिंग बूथ एजेंट रहे मकराल यादव को मुंगेली पुलिस ने बुधवार को गिरफ़्तार कर ज़ेल भेज दिया । जबकि उनके ख़िलाफ़ दर्ज़ मामला राजनीतिक मामलों की वापसी के लिए गठित उप समिति के सामने पेश किया जा चुका है और इस पर गिरफ्तारी नहीं करने के लिए उच्च स्तर पर निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बावज़ूद गिरफ्तारी होने पर जब प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अर्जुन तिवारी ने डीएसपी से बात की तो उनके साथ भी बदसलूकी की गई । एक तरफ प्रदेश के डीजीपी लगातार निर्देश जारी कर रहे हैं कि आम लोगों के साथ पुलिस को सौजन्यता से पेश आना है, ऐसे में सत्ता दल के प्रदेश पदाधिकारी से साथ पुलिस के रवैये से समझ़ा जा सकता है कि पुलिस प्रशासन को अपने ही आला अधिकारियों के निर्देशों की कितनी परवाह है ….?
मामला मुंगेली विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र भथरी का है । जो भाजपा के पूर्व विधायक चोवा दास खांडेकर का गृह ग्राम भी है।भथरी और उसके आसपास इस परिवार का ऐसा असर है कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव में यहाँ कांग्रेस का कोई मतदान एजेंट नही बैठता। 2019 मे हुए पिछले लोकसभा चुनाव के दरम्यान जिले के पार्टी चुनाव प्रभारी अर्जुन तिवारी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हौसला अफ़ज़ाई कर भथरी में एजेंट बैठाने की व्यवस्था की और स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता मकराल यादव को मतदान के बूथ एजेंट के रूप बैठाया गया । श्री खांडेकर को कांग्रेस कार्यकर्ता का एजेंट के रूप में बैठना रास नही आया और ठीक मतदान के बीच अपने साथियों सहित मक़राल यादव का अपहरण कर उनके साथ मारपीट की गई ।जानकारी मिलने पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे कांग्रेसी नेता अटल श्रीवास्तव के निर्देश पर मुंगेली विधानसभा के छाया विधायक राकेश पात्रे व अन्य कांग्रेस जनों ने श्री खांडेकर व उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया । उधर देर रात श्री खांडेकर ने उल्टे मकराल यादव के खिलाफ अनुसूचित जाति,जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज करा दिया । जिससे काउंटर केस बनाया जा सके।
कांग्रेस जनों इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,गृह मंत्री ताम्रध्वज़ साहू और मुंगेली जिले के प्रभारी मंत्री टी.एस. सिंहदेव से करते हुये पुलिस अफसर के खिलाफ कार्यवाही की मांग उस मय ही की थी। चूंकि मामला राजनीति से प्रेरित था ,इसलिए मकराल यादव ने इस मामले को वापस लेने की अर्जी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजनीतिक मामले की वापसी ले लिए गठित उप समिति के समक्ष पेश किया। मामला वापसी तो दूर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के द्वारा इस मामले में गिरफ्तारी की कार्यवाही नही करने के स्पष्ट निर्देश के बाद भी बुधवार को मुंगेली अनुसूचित जाति,जनजाति कल्याण थाना के प्रभारी उप-अधीक्षक मोनिका सिंह ठाकुर ने मकराल यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्यवाही कर दी । इस दरम्यान मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के निर्देश के संबंध में बात करने के लिये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री अर्जुन तिवारी ने जब पुलिस उप अधीक्षक से बात की तो उन्होंने बात करना तो दूर उल्टे श्री तिवारी से ही बदसलूकी करते हुये अपना मोबाइल बंद कर दी। अर्जुन तिवारी ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि इस बारे में उन्होने उच्च स्तर पर अवगत करा दिया है।
ऐसे में मुंगेली इलाके के कांग्रेसजन और आम लोग सवाल उठा रहे हैं कि एक तरफ तो प्रदेश के पुलिस महानिदेशक लगातार आई.जी. और एस. पी. को पत्र लिखकर निर्देश दे रहे है कि पुलिस आम लोगो से सौजन्यता से पेश आये । लेकिन मुंगेली जिले के पुलिस प्रशासन का डी. एस. पी. स्तर का अधिकारी मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के निर्देशों का खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए सत्तारुढ़ दल के बड़े पदाधिकारी से दुर्व्यवहार कर रहे है। सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि पुलिस प्रशासन को अपने ही पुलिस प्रमुख के निर्देशों की कितनी परवाह है…..?