बिलासपुरः विराट अपहरणकांड ……फफक कर दादी ने कहा…हमें ऊपर वाले पर विश्वास….सभी का एक ही सवाल .. कहां है बच्चा….?

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर ।  पूरे छः दिन गुजर गए लेकिन अभी तक अगवा किए गए विराट सराफ का कही अता पता नहीं है। पुलिस डाल डाल पात पात कुलाचे भर रही है लेकिन अपहरणकर्ताओं का कोई सुराग नहीं मिला है। यह सच है कि पुलिस जानकारी को लीक करना उचित नहीं है। लेकिन शहर की कानून – व्यवस्था पर धब्बे की तरह नजर आ रहे इस अपहरकांड से जुड़े कई सवाल हैं, जिनके जवाब लोगों को नहीं मिल पा रहे हैं। जाहिर सी बात है कि अपहरण की इस घटना से सराफ परिवार सदमे में हैं और उन्हे भी इस सवाल का जवाब नहीं मिल रहा है कि आखिर इतने दिन बीत जाने के बाद  विराट कहां हैं….?
इधर  विराट सराफ के घर में मातम का माहौल है। परिवार वालों का कहना है कि पुलिस भी मामले में कुछ साफ साफ नहीं बता पा रही है कि बच्चा इस समय किस हाल में है।
                            उधर शहर के आम लोग भी यह सवाल कर रहे हैं कि क्या  बिलासपुर की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। यहां तक कीे  हाईकोर्ट को भी कहना पड़ गया है कि कानून व्यवस्था पटरी से उतर गयी है। इसका जीता जागता नमूना  है कि भरी भीड़ से एक बच्चे को कार में बैठाकर अपहरण कर लिया जाता है। और बड़े नेता की सुरक्षा में तैनात जवान हाथ पर हाथ रखे बैठे रहते हैं। यद्यपि आधे घंटे बाद शहर की नाकाबन्दी कर दी जाती है। लेकिन विराट के अपहरण कर्ता आसानी से पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जाते हैं।
                                        बताते चलें कि पांच दिन पहले शनिवार को जब भाजपा कार्यालय में चहल पहल भी ठीक उसी समय सामने की गली से एक 6-7 साल के मासूम बच्चे का अपहण हो जाता है। जबकि उस समय व्यवस्था को बनाने में पुलिस के भी जवान मौजूद थे। बावजूद इसके लोग चिल्लाते रहे और विराट को लेकर अपहरणकर्ता आसानी से पार हो गए।
परिवार वालों ने कहा हम कुछ नहीं बोलेंगे
                                     यद्यपि बहुत कुरेदने के बाद परिवार वालों ने पत्रकारों को कुछ नहीं  बताया।  अपहरण की घटना का खौफ भी वहां नजर आया .लेकिन उन्होने यह भी कहा कि अब हमें कुछ नहीं बोलना है। बोल बोलकर थक गए हैं। हमारा बच्चा किस हालत में होगा सोचकर कलेजा के टुकड़े टुकड़े हो जाते हैं। अखबारों में पढ़ने को मिलता है कि पुलिस यहां वहां छानबीन कर रही है। लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकल रहा है। इतना ही नहींं पुलिस ने हमें भी अभी तक कुछ नहीं बताया है। हमें भी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर पुलिस क्या कुछ कर रही है। कम से कम दिल रखने के लिए ही तो जानकारी दे।
कैसा कानून कैसी व्यस्था
                     नाम नहीं लिखने की सूरत में विराट की महिला रिश्तेदार ने कहा कि भीड़ भाड़ में एक बच्चे को अपहरंंणकर्ता उठा ले जाते हैं। हम चिल्लाते रहे जिम्मेदार लोगों को कान तक आवाज नहीं पहुंचती है। जिन्दाबाद के नारे लगते हैं। लेकिन हमारी आवाज को कोई नहीं सुनता है। महिला ने बताया कि वैगनआर के कांच पर काली फिल्म चढ़़ा होता है। जबकि शीशे पर काली पट्टी लगाना सख्त मना है। समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर कानून या व्यवस्था है कहां। जिसका आए दिन हवाला दिया जाता है।
अब हनुमान जी का आसरा..फफक कर रो पड़ी दादी
                     विराट की दादी ने कहा कि विराट जरूर बचेगा। क्योंकि विराट का पापा विवेक हनुमान जी का बहुत बड़ा  भक्तहै। अब हमें ऊपर वाले पर ही विश्वस है। हमने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा है। ना ही हमारी किसी से मारपीट या कहा सुनी ही हुई है। जब हमने किसी का कुछ बिगाड़ा ही नहीं तो उपर वाला हमारा खराब क्यों चाहेगा। हमने तो अपील भी है अपहरण करने वाले भी इंसान होते हैं। उनके घर भी बच्चे होंगे। उन्हेे भी दर्द का अहसास होगा। हमारे दर्द को समझे और विराट को घर पहुंंचा दे या कहीं ऐसी जगह छोड़ दे..यहां से विराट घर पहुंच जाए। इतना कहते कहते विराट की दादी फफक पड़ी। उन्होने स्पष्ट तौर पर पुलिस जांच पड़ताल की जानकारी को लेकर कुछ नहीं बताया। हां इतना जरूर कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है…लेकिन हमें हनुमान जी का आसरा है। वह कभी निराश नहीं करेंगे।
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