मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश व्यापी लोक सुराज अभियान के आखिरी दिन शुक्रवार को राजधानी रायपुर से हेलीकॉप्टर के जरिए अचानक बालोद जिले के ग्राम पंचायत मुख्यालय परना (विकासखंड गुण्डरदेही) पहुंचकर बरगद की छांव में सांस्कृतिक मंच पर ग्रामीण की चौपाल लगायी। उन्होंने वहां स्कूली बच्चों को अपने पास बुलाकर पहाड़ा सुनाने को कहा। बच्चों ने बारह, तेरह और चौदह का पहाड़ा मुखाग्र सुनाया। मुख्यमंत्री बच्चों से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने पूछा कि पढ़-लिखकर वे भविष्य में क्या बनना चाहते हैं ? एक बालक ने देश की रक्षा के लिए सैनिक बनने और एक बालिका ने समाज में शिक्षा के प्रसार के लिए शिक्षिका बनने की मंशा प्रकट की।
मुख्यमंत्री ने इन बच्चों के जज्बे को देखकर उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें शुभकामनाएं दी। डॉ. रमन सिंह ने चौपाल में ग्रामीण से विचार-विमर्श के बाद परना में पंचायत भवन और आश्रित गांव नवापारा में पेयजल के लिए नलकूप खनन की स्वीकृति प्रदान कर दी। डॉ. सिंह ने पंचायत मुख्यालय परना में सामुदायिक भवन निर्माण की भी घोषणा की। उन्होंने इसके अलावा ग्राम पंचायत क्षेत्र के तीन तालाबों में महिलाओं के लिए दो-दो लाख रूपए की लागत से निर्मला घाट निर्माण और पंचायत के दो आश्रित गांवों में चार-चार लाख रूपए की लागत से सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण की भी स्वीकृति प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने ग्रामीणों के आग्रह पर परना में मुक्तिधाम निर्माण और ग्राम किकरी (अर्जुनी) में नल-जल योजना के लिए पानी टंकी निर्माण भी जल्द करवाने का ऐलान किया। डॉ. रमन सिंह ने अर्जुन्दा से ग्राम जुरेंगा तक 25 किलोमीटर सड़क उन्नयन के लिए भी ग्रामीणों की मांग स्वीकार कर ली। उन्होंने कहा कि इसके लिए अगले बजट में वित्तीय प्रावधान किया जाएगा। किसानों ने मुख्यमंत्री से परना और आस-पास के गांवों के लिए सिंचाई योजना की जरूरत बतायी। इस पर डॉ. रमन सिंह ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता को इसके लिए जल्द सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने ग्राम देवगहन से रौना के बीच सड़क पर पुलिया निर्माण की भी स्वीकृति कर दी। मुख्यमंत्री के अचानक आगमन की जानकारी मिलने पर विधायक श्री राजेन्द्र राय और जिला कलेक्टर श्री नरेन्द्र शुक्ला भी वहां पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे।