लोकसभा चुनावः भाजपा का दांव किस पर…अमर,धरम, लखन या कोई चौथा…सुगबुगाहट,कौन होगा ट्रंप कार्ड

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—लोकसभा चुनाव सिर पर है। पार्टियों में चेहरे की तलाश भी शुरू हो गयी है। लोगों का परिक्रमा बिलासपुर से लेकर दिल्ली दरबार तक शुरू भी हो चुका है। लोग अपना-अपना ट्रंप कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। पक्ष-विपक्ष से लेकर जनता ने भी कयास लगाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और भाजपा में दावेदारों का नाम तो अभी खुलकर सामने नहीं आया है। लेकिन जनता दोनों ही दलों के प्रत्याशियों की संभावनाओं पर माथा पच्ची शुरू कर दी है। सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

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                     लोकसभा चुनाव करीब आते ही एक बार फिर प्रत्याशियों को लेकर कयास लगाने का दौर शुरू हो गया है। विधानसभा में करारी हार के बाद भी जनता में कौतुहल में है कि आखिर लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चेहरा किसका होगा। जनता जानने का प्रयास कर रही है कि क्या वर्तमान सांसद लखनलाल साहू को ही दुबारा मैदान में उतारा जाएगा। या फिर बिलासपुर लोकसभा के लिए इस बार चेहरा अमर,धरम या फिर कोई नया चेहरा मैदान में उतरेगा।
              मालूम हो कि अभी एक महीने पहले ही तीन चौथाई बहुमत के साथ कांग्रेस की सत्ता में पन्द्रह सालों बाद वापसी हुई है। कांग्रेसी की आंधी में दिग्गजों को मुंह की खानी पड़ी है। विधानसभा विधानसभा में हार के बाद जनता में बात शुरू हो गयी है कि शायद अमर अग्रवाल लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरें। प्रदेश की कुछ चुनिंदा सीटों के साथ बिलासपुर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी को लेकर बेशक दबी जुबान में संभावित भाजपा प्रत्याशी अपने नाम को उछाल रहे हों। लेकिन जनता में नामों को लेकर अलग ही उलझन है। बावजूद इसके कुछ भाजपा नेताओं की दिल्ली परिक्रमा में तेजी आ गयी है।
             बहरहाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद बिलासपुर लोकसभा सीट को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। यह तय नहीं हो पा रहा है कि बिलासपुर से अब लोकसभा का दावेदार कौन होगा? सूत्रों की मानें तो वर्तमान सांसद की टिकट कटना तय है। इसकी वजह तथाकथित किसी बयान को बताया जा रहा है। जानकारी मिल रही है कि तथाकथित बयान के बाद पार्टी के आला नेताओं में गहरी नाराजगी है। जानकारी मिल रही है कि संगठन कई सीटों पर चेहरा बदलकर चुनाव लड़ना चाह रहा है। जनता में चर्चा है कि ऐसी सूरत में शायद अमर अग्रवाल स्वाभाविक उम्मीदवार बन जाएं। लेकिन लोगों की निगाहें भूपेंद्र सवन्नी और धरमलाल कौशिक की तरफ भी है।
                               विधानसभा चुनाव में शैलेष पांडेय से हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी में अमर अग्रवाल खेमे में इस बात को लेकर बेचैनी है कि “भैया” अब क्या करेंगे। संगठन का काम देखेंगे या फिर चुनाव लड़ेंगे। खेमे से यह भी आवाज आ रही है कि अमर अग्रवाल चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी लगातार दिल्ली से बात चल रही है। सूत्रों की माने तो अमर को लोकसभा चुनाव लड़ने का इशारा भी मिल चुका है। लेकिन संगठन अभी स्पष्ट इशारा करने को तैयार नहीं है।
           फिर भी बतातें चलें कि बिलासपुर लोकसभा सीट से भाजपाइयों की कतार में केवल अमर अग्रवाल ही नहीं हैं। धरमलाल कौशिक और भूपेंद्र सवन्नी का नाम भी जोरो से लिया जा रहा है। फिलहाल बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक नेता प्रतिपक्ष हैं। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष की दोहरी जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। जानकारी मिल रही है कि जल्द ही हाईकमान से प्रदेश के लिए नए अध्यक्ष के नाम का एलान कर दिया जाएगा। यदि जातिगत समीकरणों को देखें तो धरमलाल कौशिक अभी भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में बरकरार हैं। भूपेंद्र सवन्नी का दावा विधानसभा चुनावों से पहले से चला आ रहा है। फिलहाल सबकी निगाहें अमर अग्रवाल पर टिकी हुई है। बावजूद इसके धरमलाल के नाम सामने आ जाए तो कोई बहुत बड़ी बात नहीं होगी।
                             नाम सामने नहीं आने की शर्त पर अमर समर्थकों और संगठन के कुछ बड़े नेताओं की मानें तो संगठन ने उन्हें पांच लोकसभा सीटों का क्लस्टर हेड बनाया है। निश्चित रूप से बड़ी जिम्मेदारी है। इन जिम्मेदारियों के साथ भाजपा ने उनके कद को बताने की कोशिश है। लेकिन देखना होगा कि यह कद टिकट की संभावना में बदलती है भी, या नहीं। हालांकि खुद अमर अग्रवाल ने अब तक लोकसभा के लिए उम्मीदवारी नहीं जताई है। लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि शहर का एक बड़े वर्ग का उन्हें समर्थन मिलता दिख रहा है।
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