समर्थकों के साथ अमित जोगी का प्लान्ट विरोध…कहा…हम अधिकार जानते हैं…सरकार बनाए जल अधिकार कानून

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—मस्तूरी विकासखंड  के बोहारडीह में प्रस्तावित एसीसी सीमेंट का जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी ने ग्रामीणों के साथ जमकर विरोध किया। आज बताते चलें कि बोहारडीह में लाइमस्टोन की खदान खोलने के लिए Environmental Impact Assessment रिपोर्ट पर आधारित जनसुनवाई आयोजन किया गया था। मामले की जानकारी अमित जोगी को भी मिली। उन्होने आज अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचकर प्रस्तावित एसीसी प्लान्ट का विरोध किया। उन्होने बताया कि कम्पनी ने क़ानूनी प्रावधानों के अनुसार प्रक्रिया नहीं आपनाया है।
                     शुक्रवार को बोहारडीह में एसीसी सीमेन्ट प्लान्ट लगाए जाने को लेकर जनसुवाई का आयोजन किया गया। प्लान्ट का विरोध करने जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचकर पुरजोर तरीके विरोध भी जाहिर किया। उन्होे कहा कि प्रस्तावित खदान को लेकर प्रक्रिया का ठीक से पालन नहीं किया गया। मस्तूरी के ग्रामीणों में ‘व्यापक प्रचार-प्रसार’ करने के लिए दिल्ली से प्रकाशित अंग्रेज़ी अख़बार The Times of India में पिछले महीने विज्ञापन दिया गया। यहाँ टाइम्स ऑफ इंडिया को पढ़ने वालों की संख्या कितनी है यह सभी लोग जानते हैं। चूंकि अखबार अंग्रेजी में प्रकाशित होता है। ऐसे में स्थानीय लोगों को जानकारी होना दूर की बात है।
छत्तीसग़़ढ़ी में संबोधन..दिया हिसाब किताब
                      जोगी ने मौके पर उपस्थित लोगों को अपने संबोधन में बताया कि क़रीब 300 पन्ने की पर्यावरण पर प्रभाव की रिपोर्ट अंग्रेज़ी में बनाई गयी थी। ताकि अधिकांश लोग समझ ही न पाए। जनसुनवाई में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ की खनिज सम्पदा दोहन और स्थानीय लोगों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। एसीसी सीमेन्ट प्लान्ट के लिए मस्तुरी के प्रभावित 5 अन्य ग्रामों- बोहारडीह, विद्याडीह, टाँगर, गोड़ाडीह और भुरकुंडा के लोगों ने भी जोगी के सुर में सर मिलाया।
                  इसके पहले अमित जोगी ग्रामीणों के साथ काफिले में जनसुनवाई स्थल पहुँचे। लोगों के बीच पहुंचकर रायशुमारी की। इसके बाद जनसुनवाई आरंभ होने तक अमित जोगी जनता के बीच आम लोगो के साथ शांति बनाकर बैठे रहे। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों और कम्पनी प्रतिनिधियों के सामने साक्ष्य, रेपोर्ट, और तथ्यों को बारी बारी से पेश किया।
सरकार पर निशाना
                         अमित जोगी ने जनसुनवाई में प्ररदेश सरकार प जमकर निशाना साधा। जोगी ने कहा कि सरकार और सीमेंट कम्पनी मिलकर भोले-भाले लोगों की ज़मीन को हथियाना चाहती है। सच्चाई तो यह है कि 300 पन्ने की रिपोर्ट में कहीं भी रोजगार देने का जिक्र नहीं किया गया है। जोगी ने जनता को छत्तीसगढ़ी में संबोधित किया। उन्होने बताया कि 5000 हेक्टेर ज़मीन हड़पकर हर साल 39, लाख टन चूना-पत्थर निकाला जाएगा । लेकिन जमीन किस दर लिया जाएगा रिपोर्ट में इसका कहीं उल्लेख नहीं है।
                          प्रतिदिन 3 लाख 30 हजार लीटर पानी की जरूरत होगी। पानी की पूर्ति कुरांग बैंक नहर, लीलागर नदी औरशिवनाथ नदी के साथ अन्य कई छोटे-बड़े नाले और तालाब से पानी लिया जाना प्रस्तावित है। सच्चाई तो यह है कि नदियाँ होने के बावजूद इन पाँचों गावों के लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। खदान खुलने से कृषि-प्रधान क्षेत्र का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। हमारी मांग है कि पानी के उपयोग पर क़ानून पारित किया जाए। जल पर पहला अधिकार पेयजल के लिए, दूसरा  खेतों की सिंचाई के लिए और यदि पानी बचे तो अन्य आवश्यकताओं के लिए हो।
              इस पूरी प्रक्रिया को लेकर जोगी ने बताया कि मैं नहीं समझता कि इससे ज़्यादा हृदय-विदारक मामला कुछ हो सकता है। कुछ परदेसिया आज भी छत्तीसगढ़ियों को बेवक़ूफ़ समझते हैं। जबकि अब हम अपने अधिकारों के प्रति जागृत हो चुके हैं।
 पुलिस और समर्थकों में झूमाझटकी
                        इस दौरान मौके पर पुलिस की पुख्ता व्यवस्था देखने को मिली। जोगी के भाषण के बाद ग्रामीणों ने भी जनसुवाई का विरोध किया। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच लोगों ने बेरीकेट्स को लांघने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस को विरोध करने वालों को रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं के बीच पुलिस की जमकर झूमाझटकी हुई। बावजूद इसके जोगी समर्थक एसीसी प्लान्ट का विरोध करते रहे। प्रशासन के आलाधिकारी मंच से सब कुछ देखते रहे। किसी को जनसुनवाई के दौरान कुछ कहने या सुनने का मौका नहीं मिला। अन्त मे कार्यक्रम को रोकना पड़ा।
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