बिलासपुर।सेन्ट्रल जेल में बंद तीन सगे भाइयों को वीआईपी सुविधा देने के नाम पर उनके परिजन से तीस हजार रुपए मांगने का एक मामला सामने आया है। रुपया नहीं देने पर कैदियों को प्रताड़ित करने और परिजन को मुलाकात से रोकने की भी शिकायत है। इस बारे में जेल और पुलिस के आला अफसरों से शिकायत की गई है। लेकिन अब तक न तो कोई कार्रवाई की गई है और न ही राहत मिल सकी है।
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आपस में सगे भाई तीनों कैदियों के पिता बिसरू राम निर्मलकर और माता सौहद्रा निर्मलकर ने गुरूवार को प्रस क्लब पहुंचकर इस बारे में विस्तार से बताया।सिरगिटी में रहने वाले बिसरू राम निर्मलकर बिजली विभाग तिफरा में लाइन इंस्पेक्टर हैं। उनके तीन पुत्रों के नाम प्रमोद (28) , नवीन (26 ) औऱ तारण (22) हैं। 2014 में सिरगिटी के यादव मोहल्ला में विजय सूर्यवंशी नाम के एक व्यक्ति की हत्या हुई थी। उस मामले में इन तीनों भाइयों को आरोपी बनाया गया था। आरोप तय होने के बाद से तीनों बिलासपुर सेन्ट्रल जेल में बंद हैं।
बिसरू राम निर्मलकर ने बताया कि तीनों कैदियों को जेल में प्रताड़ित किया जा रहा है और उन्हे परिजन से मिलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होने पत्रकारों को बताया कि पिछले 22,24 और 25 जुलाई को तीनों की पेशी जिला सत्र न्यायालय में थी।
वहां भी परिजन को मिलने नहीं दिया गया । इस दौरान प्रमोद निर्मलकर किसी तरह अपने पिता बिसरू राम निर्मलकर से मिला और जेल में तीनों भाइयों को प्रताड़ित किए जाने की बात बताई। उसने यह भी बताया कि जेलर और दो सिपाही जेल में वीआईपी सुविधा के नाम पर हर महीने तीस हजार (प्रति कैदी-दस हजार रुपए) मांगते हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा नहीं होने पर जेल में प्रताड़ित किया जाएगा और परिजन से भी नहीं मिलने दिया जाएगा।
जेल में बंद कैदियों के पिता बिसरू राम निर्मलकर ने इसकी गुहार जेल आईजी और बिलासपुर एसपी से भी लगाई है। लेकिन उन्होने बताया कि इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही जेल में निरुद्ध बंदियों को राहत मिल सकी है।