सीयूः रसायन विज्ञान विभाग की 6 दिवसीय कार्यशाला में शामिल हो रहे देश के जाने-माने वैज्ञानिक

Chief Editor
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ggdu chem.बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग एवं इंडियन एसोसिएशन ऑफ न्यूक्लियर केमिस्ट एंड एप्लाइड साइंटिस्ट    (IANCAS- Indian Association of Nuclear Chemists and Allied Scientists)       रेडियोकेमेस्ट्री डिविजन, भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर, मुंबई के संयुक्त तत्वाधान में “रेडियोकेमेस्ट्री एवं एप्लीकेशंस ऑफ रेडियोआईसोटोप्स” ( RADIOCHEMISTRY AND APPLICATIONS OF RADIOISOTOPES )        विषय पर 96वीं डीएई बीआरएनएस-आईएएनसीएएस राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के रिएक्टर प्रोजेक्ट शाखा के वैज्ञानिक एवं एसोसिएट डायरेक्टर प्रोफेसर ए.बी. मुखर्जी के मुख्य आतिथ्य में सोमवार  को विश्वविद्यालय के रजत जयंती सभागार में हुआ। यह राष्ट्रीय कार्यशाला 7 अगस्त से 12 अगस्त  तक चलेगी ।जिसमें देशभर के कई जाने माने वैज्ञानिक शामिल होंगे।

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कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रोफेसर मुखर्जी ने मेक इन इंडिया के अंतर्गत प्राचीन भारत से लेकर अब तक के हुए रक्षा, अंतरिक्ष तथा न्यूक्लियर साइंसमें अनुसंधान के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने प्राचीन भारत के वैभवपूर्ण विज्ञान एवं तकनीकी से लेकर वर्तमान में भारत की उपलब्धियों जैसे तेजस, मारूत जीएसएलवी- एमके-III    तथा आईएनएस अरिहंत के बारे में जानकारी प्रदान की।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ न्यूक्लिर केमिस्ट एंड एप्लाइड साइंटिस्ट के प्रोफेसर बी.एस. तोमर ने रेडियो धर्मिता तथा न्यूक्लियर केमेस्ट्री के बारे में आधारभूत जानकारी प्रदान करते हुए विकिरण का पदार्थ के साथ अन्योनक्रिया के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
इससे पूर्व सभी अतिथियों का नन्हा पौधा देकर स्वागत किया गया। रसायन विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष एवं कार्यशाला की समन्वयक डॉ. चारु अरोड़ा ने कार्यशाला में शामिल सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कार्यशाला की विषयवस्तु एवं विश्वविद्यालय के रसायन विभाग द्वारा संपादित की जा रहीं विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भौतिकीय विज्ञान अध्ययनशाला के अधिष्ठाता प्रोफेसर पी.के. बाजपेयी ने रेडियोकेमेस्ट्री से जुड़े शोधार्थियों के लिए इस वर्कशाप को अहम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का विषय हमारे जीवन के विभिन्न पहलूओं से जुड़ा हुआ है। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. एम.एन. त्रिपाठी ने रेडियोआईसोटोप्स के प्रयोग के विषय पर चर्चा करते हुए इसे युवा शोधार्थियों के लिए सीखने का सुअवसर बताया।
रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर जी.के. पात्रा एवं भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर के डॉ. प्रणव कुमार ने राष्ट्रीय कार्यशाला के लाभों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन रसायन विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक एवं कार्यशाला के सचिव डॉ. एस.एस. ठाकुर ने किया। इस अवसर पर रसायन विज्ञान विभाग के शिक्षकगण एवं भौतिकीय एवं जीव विज्ञान अध्ययनशाला के शिक्षकगण तथा छात्र-छात्राओँ ने हिस्सा लिया।

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