लोकसभा चुनाव 2019 – कोरबा लोकसभा सीट- कौन कितने पानी में … ?

Shri Mi
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रूद्र अवस्थी।लोकसभा चुनाव में अधिक देरी नहीं है। सियासी पार्टियों ने भी अपनी तैयारियां शुरू हैं। फिलहाल इस बात को लेकर चर्चा है कि छत्तीसगढ़ की ग्यारह लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार कौन होगा। इसे लेकर सुगबुहाहट भी है। लेकिन इस बीच एक अहम सवाल यह भी है कि कहां – किसकी स्थिति मजबूत है। इस सवाल का जवाब तलाशते हुए अगर सभी लोकसभा सीटों में शामिल विधानसभा सीटों के हाल के चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो जो तस्वीर उभरकर सामने आती है, उससे आने वाले चुनाव के नतीजों का कुछ – कुछ अँदाजा लगाया जा सकता है। इसके मद्देनजर हम छत्तीसगढ़ की हर एक लोकसभा सीट का आकलन इस सीरीज में कर रहे हैं।कोरबा लोकसभा सीट-छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट सामान्य लोकसभा सीट है। लेकिन इसमें शामिल विधानसभा सीटों में आधी सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं। भरतपुर सोनहत, रामपुर, पाली – तानाखार और मरवाही सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। जबकि मनेन्द्रगढ़, बैकुठ्पुर, कोरबा और कटघोरा विधानसभा सीटें सामान्य हैं। इस लोकसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस की टिकट पर डॉ. चरण दास महंत भी यहां का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के डॉ. बंशीलाल महतो यहां से जीतकर आए थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कोरबा लोकसभा सीट में शामिल विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा है। कांग्रेस ने यहां आठ में छः सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस को भरतपुर – सोनहत, मनेन्द्रगढ़ , बैकुण्ठपुर , कोरबा, कटघोरा और पाली-तानाखार विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई है। बीजेपी एकमात्र रामपुर सीट ही जीत सकी। जबकि मरवाही सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ( छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस –बसपा गठबंधन ) जीतकर आए हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में भी जोगी –बसपा गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा रहा।जबकि गोड़वाना गणतंत्र पार्टी ने भी उपस्थिति दर्ज कराई है।

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हाल के विधानसभा चुनाव में कोरबा लोकसभा क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्रों में सभी पार्टियों को मिले वोट जोड़ें तो कांग्रेस बढ़त में नजर आती है। आठ विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को 3 लाख 96 हजार से अधिक वोट मिले हैं। दूसरें नंबर पर बीजेपी 3 लाख 40 हजार वोट हासिल कर सकी। इस तरह कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले करीब 55 हजार वोट अधिक मिले हैं। जोगी कांग्रेस – बसपा गठबंधन का प्रदर्शन मरवाही, रामपुर , कटघोरा, कोरबा और कुछ हद तक मनेन्द्रगढ़ में अच्छा रहा। गठबंधन को आठ विधानसभा क्षेत्रों में करीब 2 लाख से अधिक वोट मिले हैं। पार्टी का प्रदर्शन पाली – तानाखार विधानसभा क्षेत्र मं सबसे कमजोर रहा। रामपुर विधानसभा क्षेत्र में गठबंधन दूसरे नंबर पर रहा। कांग्रेस को मरवाही और रामपुर विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा। इसी तरह बीजेपी पाली – तानाखार विधानसभा सीट पर तीसरे नंबर पर रही । पाली – तानाखार सीट पर  गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी करीब 57 हजार से अधिक वोट लेकर दूसरे नंबर पर रही। गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी को भरतपुर – सोनहत विधानसभा सीट पर 25  हजार से अधिक , बैकुण्ठपुर में 20 हजार से अधिक और मनेन्द्रगढ़ में 10 हजार से अधिक वोट मिले । गोंगपा को कोरबा लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में 1 लाख तीस हजार से भी अधिक वोट मिले हैं।>>लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरे पढ़ने के लिए cgwall.com के whatsapp ग्रुप से जुड़े,यहाँ क्लिक करे

2018 विधानसभा चुनाव के नतीजों से समझ में आता है कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की बढ़त तो है। लेकिन पार्टी एकतरफा दबाव की स्थिति में नहीं है। यहां बीजेपी भले ही आठ में से सिर्फ दो सीट ही जीत सकी है। लेकिन बीजेपी कांग्रेस के मुकाबले करीब 55 हजार वोट से ही पीछे दिखाई देती है। सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों में दो लाख से अधिक वोट लेकर जोगी- बसपा गठबंधन भी प्रभावी स्थिति में है।  गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी ने भी 1 लाख 30 हजार से अधिक वोट लेकर अपनी उपस्थिति का अहसास कराया है। इस तरह कोरबा के चुनावी मैदान में कई ताकते नजर आती हैं। लेकिन इसका असर अलग – अलग कुछ विधानसभा क्षेत्रों पर ही नजर आता है। लोकसभा चुनाव का मुकाबला इसी वजह से दिलचस्प नजर आता है और यह देखना होगा कि तमाम राजनैतिक पार्टियों का  विधानसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन लोकसभा चुनाव पर कितना असरदार हो पाता है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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