बिलासपुर-न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस गौतम चोरडिया की युगलपीठ ने बलात्कार मामले में सुनवाई करते हुए बलात्कारी की मौत की सजा को यथावत रखा है।जानकारी हो कि 25 फरवरी 2015 को खुर्सीपार निवासी एक मासूम बच्ची अचानक खेलते हुए गायब हो गयी। परिवार वालो ने खोजबीन के बाद बच्ची के नही मिलने पर थाना गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे
अपराध दर्ज होने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की। संदेहियों को पकड़कर पूछताछ की। इसी दौरान एक नाबाल8ग संदेही को भी पकड़ा गया। पूछताछ में संदेही ने बताया कि उसका बड़ा भाई राम सोना ने लड़की की हत्या कर लाश को घर में छिपकर रखा। बाद में लाश को ठिकाने भी लगा दिया है। जानकारी के बाद अपराध में शामिल logo ko पुलिस ने पकड़ा।
आरोपियों ने पुलिस को जो बातें बतायी वह दिल दहलाने वाली थी। आरोपी ने बताया कि साढ़े पांच साल की मासूम की बच्च्ची केेके सााा बलत्कार कर किया है। मामले में विशेष न्यायाधीश दुर्ग ने आरोपी को अगस्त 2018 में मृत्युदंड की सजा सुनाई ।इसके बाद शासन ने सजा की पुष्टि के लिये प्रकरण पेश किया था। हाई कोर्ट ने मामले को “रियरेस्ट ऑफ रेयर” मानते हुए आज मौत की सजा को यथावत रखा है।
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जानकारी हो कि राम सोना ने पुलिस को बयान में बताया था कि बच्ची को चॉकलेट देने का लालच देकर घर में बुलाया था।उसका मुंह दबाकर बलात्कार किया ।फिर हत्या कर की। बाद में माँ कुंती सोना और मित्र अमृत सिंह के साथ मिलकर शव को सफेद रंग के प्लास्टिक के बोरे में भर कर रेल लाइन के किनारे नाले में फेंक दिया।
पूरी जानकारी के बाद पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर नाले से बच्ची का शव बरामद किया। मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 363, 365, 376, 302, 201, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय में चालान पेश किया।
एफटीसी कोर्ट दुर्ग के विशेष न्यायाधीश ने 24 अगस्त 2018 को रैप के बाद मासूम के हत्यारे राम सोना को 376, 302 में फाँसी की सजा सुनाई है। शासन की ओर से निचली अदालत के निर्णय की पुष्टि के लिये प्रकरण को हाई कोर्ट में पेश किया गया। दूसरी ओर आरोपी ने भी सजा के खिलाफ अपील पेश की। हाई कोर्ट ने आरोपी राम सोना की अपील को ख़ारिज कर निचली अदालत द्वारा दी गई फाँसी की सजा की पुष्टि की है।
निचली अदालत ने मामले में आरोपी राम सोना को सहयोग करने के आरोपी अमृत सिंह को धारा 201 में 5 वर्ष, 202 में 6 माह कैद तथा कुंती सोना को 201, 216, 212 में 5-5 वर्ष कैद व् अर्थदंड की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने इनकी भी अपील को ख़ारिज कर दिया है।