छत्तीसगढ़ी गीतकार मनोहर की कविता विमोचन,संपादक पाठक ने कहा-कविता लिखना और कवि होने में भेद,विक्रम ने बताया-मनवाया लेखनी का लोहा

Shri Mi
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बिलासपुर-कविता चौपाटी से , के उन्नीसवे अंक में कवि मनोहर की कविता का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि विक्रम सिंह ने संबोधित किया। विक्रम सिंह मनोहर दस मानिकपुरी को छत्तीसगढ़ी साहित्यिक वैभव का साक्षी बताया। नगर की साहित्यिक संस्था कविता चौपाटी से के उन्नीसवें अंक में कवि मनोहर दास मानिकपुरी की कविता का लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रेलवे बिलासपुर जोन के राजभाषा अधिकारी विक्रम सिंह रहे। अध्यक्षता कवियित्री पूर्णिमा तिवारी ने की। कार्यक्रम के केंद्र बिंदु कवि मनोहर ने कविता पाठ भी किया।  इसके अलावा मरिया समीन अली, बसन्त पांडे ऋतुराज ने कविता और आरती राय कहानी का पाठ कर लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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         कविता लोकार्पण के बाद अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि विक्रम सिंह ने कवि मनोहर की साहित्यिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि मनोहर दास मानिकपुरी छत्तीसगढ़  भाषा और साहित्यिक वैभव का साक्षी कवि बताया। माानिकपुरी ने दूरदर्शन, आकाशवाणी और विभिन्न चैनलों पर अपनी लेखनी का लोहा मनवाया है। उन्होंने कविता चौपाटी से के आयोजन की प्रशंसा की।

  कार्यक्रम को नये पाठक के संपादक, सुविख्यात गीतकार कवि डॉ. अजय पाठक ने संबोधित किया। उन्होंने बताया कि मनोहर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। सबके अपने गुण धर्म और स्वभाव होते हैं, । मनोहर भाई इस मायने में अलग हैं। कविता लिखना और कवि होने में बड़ा भेद है।, कवि होना धर्म है। बहुत कम कवि होते हैं जो इस धर्म का वहन कर पाते हैं। मानिकपुरी, ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर की नीति में जीवन यापन करते एक अजातशत्रु की भूमिका में उपस्थित हैं।

      इस दौरान मनोहर दास मानिकपुरी ने अपनी कविता के लोकार्पण के दौरान शीर्षक ‘मैं रहिथो गंवई गाँव म मोर नाम हे गँवाईहा का’ सस्वर पाठ कर खूब प्रशंसा बंटोरी। अध्यक्षीय उद्बोधन में कवियित्री पूर्णिमा तिवारी ने बताया कि ‘किसी भी कवि के लिए उसकी कविता उसके व्यक्तित्व का आईना होता है, । मनोहर जी का व्यक्तित्व एक वास्तविक चित्र दोनों ओर उकेरता है। कार्यक्रम का संचालन युवा गीतकार कवि नितेश पाटकर ने किया। आभार प्रदर्शन भारतेंदु साहित्य समिति के प्रधान सचिव विजय तिवारी ने किया। 

इस अवसर पर राजेन्द्र मौर्य, महेश श्रीवास, केवल कृष्ण पाठक, राघवेंद्र धर दीवान, सत्येंद्र त्रिपाठी, विजय तिवारी, बालमुकुंद श्रीवास, सनत तिवारी, रमेश गुप्ता, शैलेन्द्र गुप्ता, राघवेंद्र दुबे, अजय शर्मा, गौरव साहू, ऋतुराज पांडेय बसंत, राधेश्याम पटेल, किशोर भूरंगी, महेंद्र कुमार साहू, विपुल तिवारी एवं मधु मौर्य, श्रीमती कमलेश, धनेश्वरी सोनी, आकांक्षा मिश्रा, मारिया समीन अली आदि उपस्थित रहे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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