पेंशनरों की 27 माह की एरियर्स राशि डकार गई सरकार, 12 जनवरी को पेंशनर भी मौलिक अधिकार रैली में भाग लेगें

Chief Editor

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने अपने बुजुर्गो के साथ किए गए मंहगाई भत्ता आदेश में भेंदभाव की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बधेल से मांग की है कि मंत्रालय के वित्त विभाग के अधिकारियों को तत्काल निर्देश करें कि जारी आदेश को तत्काल संशोधित करें।
संध के प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन ने बताया है कि देश और प्रदेश में एक देश, एक संविधान, एक वेतनमान् की मांग करने वालों ने प्रदेश के शासकीय सेवकों व सेवा निवृत्त पेंशनरों में फिर भेदभाव की नीति अपना कर मंहगाई भत्ता आदेश जारी किया गया है। प्रदेश के शासकीय सेवकों के लंबित 01 जुलाई 2019 के 5 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता को देय तिथि 01 जुलाई से प्रदान किया गया। दूसरी ओर सेवानिवृत्त पेंशनरों बुजुर्गो को 01 अक्टूबर 2021 से मंहगाई भत्ता प्रदान कर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा छठवें वेतनमान् के समय 32 माह के एरियर्स की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई थीं। इसी प्रकार अब 7 वें वेतनमान् में 27 माह का एरिर्यस सरकार ने डकार दिया है। इससे प्रमाणित होता है कि वरिष्ठजनों के सम्मान, सिनीयर सिटीजन की बात केवल धोषणाओं और कागजों तक सिमित है।

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संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, पेंशनर संध के राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र नामदेव, उमेश मुदलियार, शेख जुम्मन, शालिक सिंह ठाकुर, के.के.उपाध्याय, चेतन भारती, प्रमोद तिवारी, प्रफुल्ल शर्मा, संतोष ठाकुर आदि नेताओं ने तत्काल आदेश में संशोधन कर वृद्वजनों के सम्मान की रक्षा करने की मांग मुख्यमंत्री से की है। अन्यथा आगामी 3 जनवरी को प्रस्तावित पेंशनरों के मंत्रालय धेराव तथा 12 जनवरी के मौलिक अधिकार रैली में प्रदेश के वयोवृद्व पेंशनरजन बढ़ चढ़कर भाग लेगें।

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