REET पेपर लीक मामले में 6 से ज्यादा गैंग एक्टिव, स्ट्रॉन्ग रूम से लेकर एग्जाम सेंटर तक फैला नेटवर्क

Shri Mi
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जयपुर।राजस्थान (Rajasthan) में रीट पेपर लीक (REET Paper Leak) मामले में रोजाना नए खुलासे सामने आ रहे हैं. वहीं, SOG द्वारा की गई जांच-पड़ताल के अनुसार शिक्षा विभाग से पेपर लीक होने की बात सामने आई है. हालांकि राजस्थान की गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने आनन-फानन में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त कर दिया है. वहीं, भर्ती परीक्षा में धांधली का यह पहला मामला नहीं है. प्रदेश में अब तक तक 6 भर्ती परीक्षा रद्द की जा चुकी हैं और 8 से ज्यादा एग्जाम में नकल करने वालों को पकड़ा जा चुका है. फिलहाल सूबे में 6 से ज्यादा नकल गैंग सक्रिय हैं, जोकि पेपर आउट से लेकर डमी कैंडिडेट से परीक्षा दिलाने का काम करते हैं.

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वहीं, SOG द्वारा की गई जांच-पड़ताल के मुताबिक बीते साल 2002 में राजस्थान में नकल और पेपर लीक की शुरुआत हुई. इस दौरान साल 2002 पुलिस ने जगदीश विश्नोई को पेपर लीक प्रकरण का मुख्य आरोपी मानते हुए उसकी तलाश शुरू की. हालांकि कई सालों तक जगदीश फरार रहा, इस दौरान पुलिस ने आरोपी जगदीश की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया गया. इसके बाद पेपर लीक मामले में जगदीश को अब तक तीन बार गिरफ्ततार किया जा चुका है. जिसमें जगदीश 2007 में सरकारी टीचर बना था, जोकि साल 2010 से शिक्षा विभाग द्वारा सस्पेंड चल रहा है.

पुलिस की जांच के बाद रद्द की गई ये परीक्षाएं

बता दें कि राजस्थान ATS और SOG द्वारा की गई संयुक्त कार्रवाई पर अब तक प्रदेश में 6 भर्ती परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है, जबकि कई भर्ती परीक्षाओं की जांच अभी भी चल रही हैं, जिनमें सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2010, पीटीआई भर्ती परीक्षा 2011, शिक्षक भर्ती परीक्षा – 2013, राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2013, एलडीसी परीक्षा- 2013, खान विभाग में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2014 शामिल हैं, हालांकि बिजली बोर्ड परीक्षा मामले में एक्जाम सेंटर के नजदीक मॉल से ब्लूटूथ के जरिए नकल कराई जा रही थ. जिसमें पुलिस ने 10 से ज्यादा आरोपी हरियाणा से गिरफ्तार किए थे. ऐसे में सरकार ने नकल रोकने और पेपर लीक रोकने के लिए कई बार हर परीक्षा में इंटरनेट बंद किया है.

जानिए प्रदेश में कौन कौन से गैंग हैं एक्टिव

गौरतलब हैं कि पेपर लीक मामले में अमृतलाल मीणा नकल और फर्जी परीक्षा गैंग का सबसे बड़ा नाम है. जहां प्रदेश में अमृतलाल मीणा गैंग के नाम से मशहूर है. वहीं, रामकृपाल मीणा अमृत लाल गैंग का ही सदस्य बताया जा रहा है. ऐसे में उदाराम विश्नोई जोधपुर क्षेत्र में एक्टिव है. फिलहाल उदाराम लेक्चरर है. वहीं, जगदीश विश्नोई पिछले 20 साल से इस धंधे में एक्टिव है. वह अब तक 10 से ज्यादा बड़ी परीक्षा में नक़ल करा चुका है. इसके अलावा भजनलाल विश्नोई 5 साल से सक्रिय है. सूत्रों के अनुसार पता चला है कि बिहार से एक फर्जी कैंडिडेट की गैंग भी सक्रिय है, जोकि फर्जी अभ्यर्थी बिठाने का काम कर रही है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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