रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित रायपुर छग. में वर्षो से प्राण-प्रण से सेवा करने वाले संविदा कर्मचारियों ने 10 मार्च से जारी अनिश्चितकालिन आंदोलन 43 वें दिन प्रबंधन व सरकार द्वारा कोई चर्चा व पहल न किए जाने के कारण अन्न त्याग कर नियमितिकरण के लिए धरना दे रहे थे। उन पर बरबरतापूर्वक लाठी चार्ज कर धरना स्थल पर न केवल पेण्डाल को उखाड़ दिया गया अपितु अनेक संविदाकर्मियों के हाथ पैर टूट गए है। कुछेक को सिर फट गए है। हेड इंजूरी होने के बाद भी उचित इलाज की सुविधा से वंचित किया जाकर, लगभग 15-17 संविदा कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। ऐसी सूचना है कि उनका इलाज जेल में ही किया जा रहा है। लाठी चार्ज की सर्वत्र निंदा की जा रही है।
प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार झा एवं विद्युत संविदा कर्मचारी संध प्रदेशाध्यक्ष विवेक भगत् ने लाठी चार्ज की निंदा करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ जैसे शांतिप्रिय राज्य में लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी। जनधोषणा पत्र में संविदा कर्मियों के नियमितिकरण का वचन दिया गया था, लाठी मारने का वादा नहीं किया गया था। छत्तीसगढ़ सरकार विद्युत मण्डल में भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही है। इसके पूर्व प्रबंधन के चेयरमेन श्री राजीव रंजन छत्तीसगढ़ को लूटकर बिहार में चुनाव लड़कर न केवल विधायक बने थे, अपितु मंत्री भी बने थे।
वर्तमान् बड़े अधिकारियों की ऐसी ही योजना परिलक्षित हो रही है। एक तरफ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल मनरेगा के कर्मचारियों को भारत सरकार की योजना के कर्मचारी बताकर नियमितिकरण की मांग भारत सरकार से करने की सलाह दे रहे है। ऐसी स्थिति विद्युत संविदा कर्मचारी राज्य के कर्मचारी है, तो उन्हें राज्य सरकार पद रिक्त होने के बाद भी नियमिति क्यों नहीं कर रही है। बिना किसी पूर्व सूचना के लाठी डण्डे के सहारे धरना स्थल से पेण्डाल उखाड़ना लोक तंत्र में धरना प्रदर्शन व जायज मांगों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुंह को बंद करना है। श्री झा ने गिरफ्तार संविदा कर्मचारी संध नेताओं को 24 धण्टे के अंदर निःशर्त रिहा न करने पर प्रदेश में यह मान लिया जावेगा कि सरकार छत्तीसगझढ़ के बेरोजगारों, धायलों, मृतकों के साथ न होकर, प्रबंधन के साथ है।
विद्युत संविदा कर्मग्चारी संध प्रदेष मंत्री प्रितेष साहू, उमेष पटेल महामंत्री, कमलेष भारद्वाज संयुक्त महामंत्री, अभिेषेक वर्मा प्रदेष कोषाध्यक्ष, आदि चोटिल व धायल नेताओं ने लाठी चार्ज की निंदा करते हुए एक बड़ी साजिश के तहत वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा चुनाव पूर्व छत्तीसगढिया मुख्यमंत्री को बदनाम करने की साािजश निरूपित किया है। कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि कुछ अधिकारियों द्वारा जनधोषणा पत्र का आसानी से पालन होने की संभावना है, वहां जानबूझकर रोड़ा बनकर सरकार को बदनाम करने पर आमदा है। कुछ कर्मचारी नेताओं के लापता होने पर चिंता जारी करते हुए विद्युत प्रबंधन द्वारा अपने कृपापात्रों को नौकरी लगाने के लिए कर्मचारी नेताओं के हत्या की साजिश तो नहीं कर रही है। लाठी चार्ज की धटना की सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से निष्पक्ष जॉंच की मांग भी की है।