रायपुर. बैंक लोन फ्रॉड केस में ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसकेएस इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड की 517.81 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है. एसकेएस इस्पात एंड पॉवर कंपनी का रायपुर से लगे सिलतरा इंडस्ट्रियल एरिया में बड़ा कारखाना है.
ईडी ने जो 517.81 करोड़ की संपत्ति जब्त की है, उसमें जमीन, मकान और प्लांट मशीनरी भी शामिल है. जांच के दौरान ये सारी संपत्ति ईडी के कब्जे में रहेगी. यह पूरा मामला तमिलनाडु के त्रिची स्थित सेथर लिमिटेड (Cethar Limited) के 895.45 करोड़ के कथित बैंक फ्रॉड से जुड़ा बताया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक सेथर लिमिटेड (Cethar Limited) ने इंडियन बैंक की अगुआई वाले बैंकों के एक समूह से 895.45 करोड़ रुपए का लोन लिया था.
31 दिसंबर 2012 को यह लोन एनपीए (Non-Performing Assets) हो गया था. कंपनी के 2017 में दिवालिया कानून के तहत कार्यवाही शुरू हुई थी. इस मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की थी. इसके बाद 2019 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की थी.
पिछले साल 2022 में ईडी ने एक डायरेक्टर के परिसरों में छापेमारी की थी. इस दौरान 9.08 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी. ईडी की जांच में यह जानकारी सामने आई कि इस लेनदेन में 565 करोड़ की बड़ी राशि को बही-खाते से बाहर रखा गया था. वहीं, 228 करोड़ को निवेश की बिक्री पर घाटे के रूप में दिखाकर बट्टे खाते में डाल दिया गया था.
ईडी का आरोप है कि SKS पॉवर जेनरेशन से करीब 3,500 करोड़ रुपए का EPC कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए सेथर लिमिटेड ने SKS इस्पात को 228 करोड़ रुपए का भुगतान किया था. SKS इस्पात, उस वक्त SKS पॉवर जेनरेशन की पैरेंट कंपनी थी. सेथर लिमिटेड ने यह भुगतान SKS इस्पात के शेयरों में निवेश के नाम पर किया था.