अमर अग्रवाल बोले -जब सीवरेज प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा…शहर की जनता मुझे याद करेगी..पढ़िये विचारमंच की गोष्ठी में अँतरंग बातचीत

Chief Editor
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बिलासपुर । ‘विचार मंच’ के द्वारा चार कार्यक्रमों की सिरीज का दूसरा कार्यक्रम आज आयोजित हुआ जिसमें बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक  और पूर्व मेंत्री अमर अग्रवाल ने आमजन के समक्ष अपने कार्यकाल के कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।अमर अग्रवाल ने कहा कि प्राथमिकता यह थी कि बिलासपुर को अगले ५० वर्षों की ज़रूरतों के हिसाब से तैयार किया जाए. इसी दृष्टिकोण से सीवरेज और अरपा प्रोजेक्ट की शुरुआत की गयी. ये लम्बी अवधि तक चलने वाले प्रोजेक्ट हैं, अभी और समय लगेगा तब जाकर ये पूरे होंगे। सीवरेज में केवल ६ महीने की देर है लेकिन अरपा प्रोजेक्ट एक दूरगामी कार्यक्रम है जो आगामी बिलासपुर को पेय जल उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगा। शहर में भूमि जल स्तर का नीचे जाना रुकेगा और भविष्य में बिलासपुरवासियों को पानी की कमी कभी महसूस नहीं होगी। विचार मंच की १३२ वी गोष्ठी में अपने कार्यकाल के कामों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए पूर्व विधायक व् मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा, जब भी परिवर्तन किया जाता है तब कुछ तोड़ – फोड़ होती है, स्वाभाविक है की जिसका नुक्सान होता है वह नाराज होता है. सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

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नाराजगी के कारण विरोध होता है. मैं वह विरोध झेला। जनता के मन में सीवरेज को लेकर नाराजगी थी, लोग उसके फायदे समझ नहीं पाए और उसका परिणाम मुझे इस चुनाव में भुगतना पड़ा. काम करने वाली टीम का सही ढंग से काम न करना सीवरेज में हुई देर का कारण था. मैंने लगातार मॉनिटरिंग की लेकिन मंत्री का रोज का दखल देना उचित नहीं लगता, समय-समय पर दबाव बनाता रहा तब जाकर प्रोजेक्ट यहाँ तक पहुंचा है. कोलकाता में सीवरेज २२ साल से चल रहा है, अभी भी अधूरा है, जबलपुर में १३ साल से चल रहा है, वहां भी अधूरा है, उस हिसाब से बिलासपुर में काम उनके मुकाबले तेजी से हुआ है. बहुत सी कानूनी बाधाएं आयी, मुकदमों के कारण भी देर लगी. जब यह पूरा हो जाएगा तब शहर की जनता मुझे याद करेगी। मेरे राजनीतिक जीवन में सबसे अधिक नाराजगी सीवरेज के कारण रही लेकिन शहर के भविष्य के लिए मैंने इस नाराजगी को झेला। कुछ समय में जब मेरा यह सपना पूरा होगा तब मुझे ख़ुशी होगी कि अपने कार्यकाल में नगर वासियों के लिए सार्थक काम किया।

अमर अग्रवाल ने बताया कि सन १९९८ में कांग्रेस में हुई फूट के कारण वे ‘एक्सिडेन्टल विधायक’ बने थे. बिलासपुर की तरक्की के बहुत से सपने देखे। उस समय बिलासपुर किसी भी राष्ट्रीय राज मार्ग से जुड़ा हुआ नहीं था. मैंने तात्कालीन केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रधान से भेंट करके शहर को राष्ट्रीय राज मार्ग से जोड़ने का आग्रह किया और उनको समझाया कि बिलासपुर का राष्ट्रीय राज मार्ग सीधे ओडिशा से जुड़ जाएगा। देवेंद्र प्रधान ओडिशा के थे, उनको भी अपने राज्य का फायदा समझ आया और एन.एच.२०० में बिलासपुर शामिल हो गया.

उस समय बिलासपुर में एक भी उच्च-स्तरीय अस्पताल नहीं था. एस.ई.सी.एल.की बिल्डिंग थी लेकिन तकनीकी वजह से उनका किसी के साथ उनका तालमेल नहीं हो रहा था. मैंने कोयला मंत्री दिलीप रे से बात की, उन्होंने कॉल इंडिया को तुरंत कार्यवाही करने का निर्देश दिया और बिलासपुर में अपोलो अस्पताल आ गया. उन्हीं दिनों एक मांग उठी कि बिलासपुर में हाईकोर्ट का खंडपीठ खुले। जैसी नेताओं की आदत होती है, मेरे मुंह से निकल गया, ‘खंडपीठ क्या, हम यहाँ हाई कोर्ट खोलेंगे।’ उसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य बन गया और जब बिलासपुर राजधानी न बन सका तो हमने है हाई कोर्ट लेकर समझौता कर लिया जबकि हाई कोर्ट रायपुर में खुलने का जबर्दस्त दबाव था. तो, कभी-कभी सपने सच भी हो जाते हैं.कार्यक्रम का संचालन द्वाररिका प्रसाद अग्रवाल ने किया।

( पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने इस कार्यक्रम में काफी लम्बी अँतरंग बातचीत की । बातचीत लम्बी होने की वजह से इसे अगले क्रम में प्रकाशित करेंगे – जारी है )

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