मंगलवार को खुलेंगे स्कूल..टीचर आएंगे..बच्चे नहीं..शिक्षक पूछ रहे दस से चार बजे तक क्या करेंगे स्कूल में..?स्कूलो का टाइम बदलने विधायक चन्द्रदेव राय ने की पहल

Shri Mi
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narendra modi,government,curbs,heavy,school bags,no,home work,schools,heavy,school bagsबिलासपुर।ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद 18 जून से छत्तीसगढ़ के स्कुलो बंद दरवाजे खुलेगें। हर वर्ष स्कुलो में शिक्षक और छात्र एक साथ इस दिन स्कुलो में एक साथ आते थे । बस इस वर्ष स्कुलो में बच्चे नही आएंगे। क्योकि शासन के एक आदेश के अनुसार भीषण गर्मी को देखते हुए 23 तारीख तक स्कूलो में बच्चों की छुट्टियां कर दी गई है। बस शिक्षको के लिए शैक्षणिक कैलेंडर यथावत रखा गया है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे

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बिलासपुर के रिवर व्यू में सरकारी शिक्षको से मुलाकात के दौरान शिक्षको ने बताया कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक शासन के इस निर्णय  बात से खफा है कि छात्रो को छुट्टियां दी गई तो शिक्षको से भेदभाव क्यो किया गया।  शिक्षक छात्रो के बिना अधूरा है।कक्षाओं में छात्र छात्राओं उपस्थित विद्यालय में विद्यार्थियों  की चहल पहल में ही शिक्षको आनंद आता है।विद्यालय छात्रो के बिना अधूरा लगता है।

चर्चा में शिक्षको ने बताया कि तेज गर्मी को देखते हुए स्कूलो की ग्रीष्मकालीन छुट्टियां बढ़ाने का निर्णय सरकार की संवेदन शीलता का परिचय देता है। जिसका शिक्षक समाज स्वागत करता है। लेकिन सवाल यह है कि आने वाले पांच दिन शिक्षक स्कूलो में दिन के दस बजे से शाम चार बजे तक क्या करेंगें। इस तेज गर्मी में स्टाफ रुम में बैठ कर समय कटना शिक्षको के लिए बहुत कष्टकारी होगा।

चर्चा में में शिक्षको ने बताया कि प्रदेश के लगभग सभी स्कूलो में प्रधान पाठकों और प्रचार्यो ने स्कूलो की थोड़ी बहुत मरम्मत, रंग रोगन, विद्यालय की साफ सफाई, शौचालय की सफाई, स्कूल के पंखा, टेबल, कुर्सी की मरम्मत ब्लैक बोर्ड में पॉलिश और पेयजल सम्बंधित व्यवस्था 18 जून के पूर्व की करवा ली होगी।  शिक्षको के पास ऐसा कोई विशेष कार्य नही बचता है।

बताते चले कि पांचवी आठवी दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थी परीक्षा परिणामो के बाद टी.सी लेने. या नए प्रवेश के लिए विद्यालय आते रहते है। और पूरे ग्रीष्मकाल अवकाश के दौरान विद्यालय के संस्था प्रमुख व कार्यालयीन कर्मचारी विद्यालय में कार्य दिवस व कार्य समय में उपस्थित रहते है। इन्हें ग्रीष्मकालीन अवकाश नही मिलता है।

शिक्षक नेता केदार जैन बताते है कि प्रदेश के कुछ शिक्षक ग्रीष्मकालीन अवकाश होने के बाद भी  शिक्षको की भूमिका समाप्त नही हुई थी। कई शिक्षक मई महीने की गर्मी में समर कैम्प, SLA की डाटा एंट्री,चुनाव की मतगणना,मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण व अन्य कार्यालीन कार्यो में सहयोग दिये है। अभी गर्मी का प्रकोप अभी बरकार है।

अगर शिक्षा विभाग शिक्षको के इन आगमी पांच दिन बिना विद्यर्थियों के शाला लगने के समय मे कटौती करता है। समय परिवर्तन कर शालाये सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक करते है तो शिक्षक भी शासन की संवेदना को महसूस करेगा।

केदार जैन ने बताया कि मंगलवार तक  मौसम का हाल देखेंगे अगर गर्मी बरकार रही तो इस विषय पर बुधवार को शिक्षा विभाग के महत्वपूर्ण अधिकारी से चर्चा कर शाला समय परिवर्तन का निवेदन करेंगे।

शिक्षाकर्मी से विधायक बने चंद्रदेव राय से सीजीवालडॉटकॉम ने संपर्क किया इस विषय पर चर्चा कि तो उन्होंने बताया कि मैं भी शिक्षक था मुझे भी यह अहसास था कि गर्मी का प्रकोप शिक्षको पर भी होता है।उन्होंने गौरव द्विवेदी से चर्चा कर शिक्षको की बात रखने का आश्वासन दिया।

चंद्रदेव राय ने सीजीवालडॉटकॉम को थोड़ी देर बात बताया कि मेरी बात गौरव द्विवेदी से हुई है। उहोंने कल आश्वस्त किया है कि इस विषय पर चर्चा कर कल ठोस निर्णय लिया जायेगा।मंगलवार को इस विषय पर  विभाग के मंत्री व विभाग से जुड़े अधिकारियो से चर्चा करूँगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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