(रुद्र अवस्थी) पिछले ना जाने कितने वर्षों से यह सिलसिला चल रहा है ,जब शाम होती तो आलेख वर्मा की ओर से भारतीय जनता पार्टी की विज्ञप्ति हम सभी पत्रकारों के पास पहुंच जाती। यह सिलसिला तब से चलता आ रहा है जब अपन भी अखबार से जुड़े रहे। तब आज की तरह व्हाट्सएप और ईमेल जैसा सिस्टम नहीं था। उस समय शाम होते होते आलेख वर्मा अपने पार्टी की कोई विज्ञप्ति लेकर अखबार दफ्तर पहुंचते। दुआ- सलाम और हाल-चाल के साथ ही और भी बहुत सी बातें हो जाया करती। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जब से संप्रेषण का नया तरीका अमल में आने लगा है । तब से शाम होते होते व्हाट्सएप और ईमेल पर भाजपा की विज्ञप्ति तब भी मिलती रही है ,जिसे आलेख वर्मा ऑनलाइन भेजते थे।
अक्सर बीजेपी की सभाओं, कार्यक्रमों ,आंदोलनों और बयानों से जुड़ी विज्ञप्तियों के लिए शाम के समय आलेख वर्मा के मैसेज का इंतजार करते रहे। यह इंतजार 2022 के साल अगस्त महीने की पहली तारीख को भी था। लेकिन इस दिन आलेख वर्मा के नाम से आखिरी खबर आई। जिसमें लिखा था…शोक समाचार …..आलेख वर्मा नहीं रहे…..। पिछले कई वर्षों से अब तक आलेख वर्मा के नाम से मिलने वाली विज्ञप्तियों में जो खबर रहती थी , उस पर यकीन न करने का कोई सवाल ही नहीं उठता था। क्योंकि आलेख वर्मा बीजेपी के अधिकृत प्रवक्ता की तरह खबरें देते थे। लेकिन उनके नाम से आई आखरी खबर …… शोक समाचार पर यकीन नहीं हो रहा है।
आलेख वर्मा ऊर्जावान सक्रिय जुझारू और कर्मठ कार्यकर्ता थे ।मीडिया की दुनिया से जुड़े लोग उन्हें उस समय से इस भूमिका में देखते आ रहे हैं , जब से वे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वर्षों तक संवाद प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे बेनी गुप्ता के साथ रहकर उन्होंने सीखा – समझा और यह जिम्मेदारी संभाली। अपनी पार्टी की गतिविधियों से सीधे जुड़े रहे और हर नेता के साथ उनके नजदीकी संबंध रहे। बिलासपुर शहर के विधायक और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल की भरोसेमंद टीम का हिस्सा बनकर उन्होंने लंबे समय तक काम किया।
इस दौरान वे अमर अग्रवाल और मीडिया के बीच सेतु की तरह अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाते रहे। इस भूमिका में अक्सर उनसे मुलाकात होती थी। जिसमें वे अपनी पार्टी के कामकाज और कार्यक्रमों को लेकर अपने विचार भी साझा किया करते थे । मीडिया के लोगों के साथ उनका संबंध भाई की तरह था। आलेख वर्मा का रिश्ता सांस्कृतिक क्षेत्र से भी रहा है। पिछले कई वर्षों से मोहम्मद रफी और किशोर कुमार की जन्मतिथि / पुण्यतिथि पर कार्यक्रमों के आयोजन में प्रमुख हिस्सेदार रहे। इसके साथ ही लोक संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन में भी उनकी गहरी रुचि थी। पुराने कलाकारों का सम्मान और नए कलाकारों को मंच देने में वे हमेशा अग्रणी रहे। मिलनसार और सभी के सुख – दुख में हिस्सेदार शख्स के रूप में आलेख वर्मा हमेशा याद किए जाएंगे। आलेख वर्मा के निधन की दुखद खबर पर अब भी यकीन नहीं हो रहा है। लेकिन विधि के विधान के सामने सभी नतमस्तक हैं । CGWALL परिवार की उन्हें ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कामना है कि ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे।