Atiq-Ashraf Murder: अतीक़ की हत्या पर बसपा सुप्रीमो का बड़ा बयान….

Shri Mi
10 Min Read

Atiq-Ashraf Murder। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ की गोली मार कर हत्या कर दी गई है. मामले को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि 1. गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या, उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है।2. देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर। वैसे भी उत्तर प्रदेश में ’’कानून द्वारा कानून के राज’’ के बजाय, अब इसका इण्काउण्टर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात।

Join Our WhatsApp Group Join Now

इसके पहिले उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूर्व सांसद अतीक़ अहमद और उनके भाई की हत्या की पुष्टि की। पुलिस के मुताबिक हमलावर पत्रकार बनकर आए थे. तीन हमलावरों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लिया है और उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है.योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं. घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायायिक आयोग के गठन की घोषणा भी की गई है.

प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर ने घटना के बारे में बताते हुए कहा, “क़ानूनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ को मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था. इसी दौरान ये घटना हुई है.”रमित शर्मा के मुताबिक, “पत्रकार अतीक़ अहमद और उनके भाई से बात कर रहे थे, इसी दौरान पत्रकार बनकर आए हमलावरों ने अचानक गोलियां चलाईं. तीनों हमलावरों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.”

पुलिस के मुताबिक इस घटनाक्रम में एक पुलिसकर्मी घायल हुए है और एक पत्रकार को भी मामूली चोट आई है.पुलिस के मुताबिक़ तीन हमलावरों को हिरासत में लिया गया है. हालांकि पुलिस ने अभी हमलावरों की पहचान सार्वजनिक नहीं की है.पुलिस का कहना है कि हमलावरों से पूछताछ की जा रही है और उसके बाद ही अधिक ब्यौरा दिया जाएगा.

अतीक़ अहमद को पुलिस सुरक्षा में गाड़ी से उतारकर मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था. अतीक़ और उनके भाई के हाथ हथकड़ियों में बंधे थे.पत्रकार अतीक़ और उनके भाई से बात कर रहे थे, तभी अचानक गोलीबारी शुरू हुई. बहुत तेज़ी से हुए घटनाक्रम में दोनों भाइयों की हत्या कर दी गई.

इस घटना के वीडियो में अतीक़ अपने भाई के साथ पुलिसवालों की बीच चलते हुए दिख रहे हैं. एक पत्रकार अतीक़ से सवाल करता है, वो बोलना शुरू ही करते हैं कि एक पिस्टल कैमरा के सामने दिखाई देती है. बेहद क़रीब से अतीक़ को गोली मारी गई.ठीक इसी समय एक गोली अशरफ को लगी. इसके बाद ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू हुई. दोनों भाई ज़मीन पर गिर गए.

अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में जेल में बंद थे.अतीक़ अहमद के वकील विजय मिश्र भी हत्या के दौरान घटनास्थल के क़रीब थे. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “अतीक़ अहमद और अशरफ़ को गाड़ी से निकालकर ले जाया जा रहा था. तब ही गोलियों की आवाज़ आई. जिन्होंने गोली चलाई थी पुलिस ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया था. अफरातफरी मच गई थी.”

पुलिस का कहना है कि हमलावरों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. वहीं मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हमले के बाद हमलावरों ने आत्मसमर्पण कर दिया था.उत्तर प्रदेश पुलिस राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह उमेश पाल की हत्या के संबंध में अतीक़ अहमद और अशरफ़ से पूछताछ कर रही थी.दोनों की पूछताछ पूरी हो जाने के बाद उन्हें फिर से न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जाना था और उससे पहले ही मेडिकल चैक अप कराया जाना था.

अतीक़ अहमद ने पुलिस हिरासत में अपनी सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.अतीक़ अहमद और दो अन्य अभियुक्तों को राजू पाल की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी जबकि अशरफ़ को इस मामले में बरी कर दिया गया था.गुरुवार को अतीक़ अहमद के बेटे असद और उसके सहयोगी गु़लाम मोहम्मद का उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने झांसी में कथित एनकाउंटर कर दिया था.

असद और गुलाम का अंतिम संस्कार शनिवार को ही प्रयागराज में हुआ है.यूपी पुलिस के मुताबिक असद और ग़ुलाम उमेश पाल की हत्या के मामले में वांछित थे और उन दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का ईनाम घोषित था.

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने माफ़िया और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई शुरू की है.पिछले छह साल के दौरान की गई कार्रवाई में अतीक़ अहमद के गैंग के कई सदस्यों को गिरफ़्तार किया गया है.अतीक़ अहमद और उनसे जुड़े लोगों की संपत्तियों को भी यूपी सरकार ने ज़ब्त और ज़मीनदोज़ किया है.

एक अनुमान के मुताबिक अतीक़ और उनके गैंग से जुड़े लोगों की लगभग 800 करोड़ रुपए की संपत्तियों को सरकार ने ज़ब्त और ज़मीनदोज़ किया है.अतीक़ अहमद को साबरमती जेल में रखा गया था और उनके ख़िलाफ़ एमपीएमएलए अदालत में चल रहे 50 से अधिक मामलों में कार्रवाई वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से की जा रही है.

लेकिन अतीक अहमद के आपराधिक इतिहास में 100 से भी अधिक मुक़दमे दर्ज हैं.प्रयागराज के अभियोजन अधिकारियों के मुताबिक़, अतीक़ अहमद के ख़िलाफ़ 1996 से अब तक 50 मुक़दमे विचाराधीन हैं.

अभियोजन पक्ष का कहना है कि 12 मुक़दमों में अतीक़ और उनके भाई अशरफ़ के वकीलों ने अर्ज़ियां दाख़िल की हैं जिससे केस में चार्जेज़ फ़्रेम नहीं हो पाए हैं.अतीक़ अहमद बसपा विधायक राजू पाल ही हत्या के मुख्य अभियुक्त हैं. इस मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है.

इस साल 28 मार्च को प्रयागराज की एमपीएमएलए अदालत ने अतीक़ अहमद को उमेश पाल का 2006 में अपहरण करने के आरोप में दोषी पाया और उम्र कै़द की सज़ा सुनाई.उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड के शुरुआती गवाह थे, लेकिन बाद में मामले की जांच संभाल रही सीबीआई ने उन्हें गवाह नहीं बनाया था.अतीक़ के भाई अशरफ उर्फ़ खालिद आज़मी के ख़िलाफ़ 52 मुक़दमे दर्ज हैं. इसमें हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा (उपद्रव) और अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं.

आपको बता दें की अशरफ़ को उमेश पाल की हत्या के मामले में भी अभियुक्त बनाया गया है.ग़ौर करने वाली बात यह है कि अशरफ़ उमेश पाल के अपहरण वाले मामले के फै़सले में निर्दोष पाया गया था. इसी मुक़दमे में अतीक़ और दो अन्य को दोषी पाया गया और 6 अभियुक्त बरी हुए.अशरफ़ बसपा विधायक राजू पाल की 2005 में हुई हत्या के भी अभियुक्त हैं और इनका मुक़दमा लखनऊ की सीबीआई अदालत में चल रहा है.अशरफ को बरेली जेल में रखा गया है और उन्हें पेशी के लिए प्रयागराज लाया जाता है.

अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ की पुलिस सुरक्षा के बीच प्रयागराज में मीडिया से बात करने के दौरान अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी है.उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभी तक अतीक़ और अशरफ़ की हत्या पर कोई बयान जारी नहीं किया है. अतीक़ और अशरफ़ की हत्या कैमरे पर रिकॉर्ड हुई है और इसके वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं. वीडियो में पुलिस हमलावरों पर जवाबी कार्रवाई करती हुई नहीं दिख रही है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस हत्याकांड पर सवाल उठाते हुए ट्विटर पर लिखा है, “उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या? इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं.”

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close